Rajasthan Zika Virus Update: जयपुर के बजाज नगर में जीका वायरस से पहली मौत: चिकित्सा विभाग अलर्ट पर
जयपुर के बजाज नगर में जीका वायरस से ग्रसित एक व्यक्ति की मौत के बाद चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी किया है। जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने इस संबंध में गाइडलाइंस जारी की।
सीएमएचओ डॉ विजय फौजदार (Dr Vijay Faujdar) ने बताया कि 66 साल के राजेंद्र 20 नवंबर को जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बुखार होने के बाद भर्ती हुए थे। यहां उसकी डॉक्टरों ने जांच करवाई तो जीका वायरस पॉजिटिव मिला। इसके अलावा इस मरीज को हाइपरटेंशन, हेपेटाइटिस और एचएलएच भी मिला है। तीन दिन इलाज के बाद राजेन्द्र (Rajendra) ने दम तोड़ दिया।
क्या होता है जीका वायरस?
जीका वायरस संक्रामक बीमारी है। ये एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस नाम के मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन में काटते हैं। आमतौर पर ये हल्का वायरस माना जाता है और अपने आप ठीक हो जाता है। इनके लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसलिए ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं चल पाता है कि वे इससे संक्रमित हैं। जीका वायरस पॉजिटिव मरीज को काटने के बाद अगर वही मच्छर अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को काटता है तो उन्हें भी पॉजिटिव कर सकता है। संक्रमित मरीज के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर भी यह स्वस्थ इंसान में फैल सकता है।
जीका वायरस के लक्षण क्या हैं?
जोधपुर में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर और सीनियर फिजिशियन डॉ. आलोक गुप्ता के अनुसार चिंता की बात ये है कि जीका वायरस से संक्रमित 80 प्रतिशत मरीजों में कोई लक्षण दिखाई ही नहीं देते। यदि लक्षण सामने आते भी हैं तो वे मच्छर के काटने के 3 से 4 दिन बाद दिखाई देते हैं। इसके लक्षण भी डेंगू या चिकनगुनिया के लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं। जो उसी मच्छर से फैलता है। जीका वायरस संक्रमण के बाद कई सप्ताह तक शरीर के तरल पदार्थों जैसे स्पर्म में रह सकता है।
वायरस से बचाव कैसे करें?
जीका वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरों से बचाव करना है। इससे बचाव के लिए आस-पास सफाई रखें। घरों के पास पानी जमा नहीं होने दें। मच्छरों को पनपने न दें। इन बातों का ध्यान रखने से न केवल जीका वायरस बल्कि मौसमी बीमारियों से भी बचा जा सकता है। जीका वायरस से बचने के लिए मच्छरों के काटने से बचना चाहिए। शरीर में पानी की कमी न होने दें। अगर किसी व्यक्ति को जीका वायरस का इंफेक्शन हो तो उससे दूरी बनाएं। सीनियर फिजिशियन डॉ.आलोक गुप्ता ने बताया कि जीका वायरस की कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं है। किसी मरीज को बुखार आता है। तब उसे फीवर और पेनकिलर दी जाती है।