Puri Jagannath Rath Yatra: देशभर में निकली जगन्नाथ रथ यात्रा: अहमदाबाद में अमित शाह ने की आरती, उदयपुर में चांदी के रथ पर सवार हुए भगवान
देशभर में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकाली जा रही हैं। अहमदाबाद के जमालपुर स्थित मंदिर में सुबह मंगला आरती हुई। जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और उनका परिवार शामिल हुआ। इस दौरान भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया। 7 बजे के बाद रथ यात्रा शुरू हुई।

अहमदाबाद में भगवान को सुबह 5 से 6 बजे तक तीनों मूर्तियों को रथ पर बैठाया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की। इसमें रथ के आगे सोने की झाडू लगाई जाती है। रात तकरीबन 8:30 बजे भगवान वापस मंदिर लौटेंगे। वहीं पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ शाम को 4 बजे खींचे जाएंगे। उदयपुर में करीब 80 किलो चांदी के रथ में भगवान सवार होंगे।
उदयपुर में 80 किलो चांदी से बने रथ पर निकलते हैं भगवान
राजस्थान में उदयपुर में भगवान करीब 80 किलो चांदी से बने रथ पर बैठकर यात्रा पर निकलेंगे। यहां जगदीश मंदिर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। दैनिक पूजा और अभिषेक के बाद सुबह 10:30 पर श्रृंगार आरती और भोग लगेगा। दोपहर में मंदिर की परिक्रमा के बाद 3 बजे रथयात्रा शुरू होगी। ये रथ यात्रा 7-8 किलोमीटर की होती है। इसमें भगवान मंदिर से निकलकर दोबारा मंदिर लौटते हैं।
कहां से शुरू होगी यात्रा?
अहमदाबाद में रथ यात्रा जमालपुर में ऐतिहासिक 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से सुबह 7 बजे के बाद शुरू होगी। शहर के पुराने इलाकों से तकरीबन 18 किलोमीटर का रूट तय करेगी। इसमें भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भव्य रथों पर सवार होकर हजारों भक्तों को आशीर्वाद देते हुए दिखाई देंगे। पुलिस के अनुसार, रथयात्रा के 148वें संस्करण में 14-15 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
दीघा में पहली बार निकलेगी जगन्नाथ रथ यात्रा
पश्चिम बंगाल के दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर में पहली रथ यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा करीब एक किलोमीटर लंबी होगी। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया, दीघा जगन्नाथ यात्रा पुरी रथ यात्रा से प्रेरित है। यहां के रथ पुरी के रथों की तरह ही बनाए गए हैं। सीएम ममता बनर्जी दोपहर 2 बजे यहां आएंगी।
पुरी में भगवान 1 बजे रथ में बैठेंगे, 4 बजे रथ शुरू होगी
ओडिशा में दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा होती है। सुबह 6 बजे भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती के बाद श्रृंगार किया गया। फिर खिचड़ी भोग लगा। दैनिक पूजा-परंपराओं के बाद सुबह 9:30 बजे भगवान मंदिर से बाहर लाने की विधियां शुरू हो गई हैं। रथों की पूजा कर बलभद्र, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को रथ में बैठाया जाएगा।
दोपहर 3 बजे पुरी राजपरिवार के गजपति दिव्य सिंह देव रथ के आगे सोने के झाडू से बुहारा लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसमें भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ करीब 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। ये उनकी मौसी का घर माना जाता है।
रथयात्रा में 101 झांकी, 18 भजन मंडली शामिल
आज की रथयात्रा में 18 हाथी, भारतीय संस्कृति से जुड़ी 101 झांकी, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली और 3 बैंड वादक शामिल हैं।
पहली बार महाप्रभु को दिया जाएगा गार्ड ऑफ ऑनर
इस साल पहली बार भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। रथयात्रा में 18 हाथी, भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले 101 ट्रक, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडलियां और 3 बैंड दल शामिल होंगे। हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी और सौराष्ट्र से करीब 2500 संत भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने भी दीं शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा-भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!
राष्ट्रपति ने दीं शुभकामनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक्स पर लिखा-पवित्र रथ यात्रा के अवसर पर मैं देश-विदेश में रह रहे महाप्रभु जगन्नाथ के भक्तों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। रथ पर विराजमान बड़े ठाकुर बलभद्र, महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, देवी सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन के दर्शन करके लाखों भक्त दिव्य अनुभूति प्राप्त करते हैं। इन ईश्वरीय स्वरूपों की मानवीय लीला ही रथ यात्रा की विशेषता है। इस पुण्य अवसर पर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ से मेरी यह प्रार्थना है कि पूरे विश्व में शांति, मैत्री और स्नेह का वातावरण रहे।
रथ यात्रा की देखे तस्वीरें…………………….
