Amit Shah Retirement Plan: अमित शाह का रिटायरमेंट प्लान: वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती को करेंगे समर्पित जीवन
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने रिटायरमेंट के बाद वेद और उपनिषदों के अध्ययन की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने अहमदाबाद में एक समारोह में कहा कि प्राकृतिक खेती विज्ञान पर आधारित एक प्रयोग है, जो सभी के लाभकारी है।

केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को अपना रिटायरमेंट प्लान बताया। उन्होंने कहा, “मैं रिटायरमेंट के बाद अपना जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती के लिए खर्च करूंगा। शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती एक ऐसा वैज्ञानिक प्रयोग है, जिससे कई तरह के फायदे हैं।
वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती…
अमित शाह ने कहा, ‘मैंने तो तय किया है कि मैं जब भी रिटायर होऊंगा, मैं अपना बाकी जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती के लिए खर्च करूंगा। प्राकृतिक खेती, एक वैज्ञानिक प्रयोग है जो कई प्रकार के फायदे देता है। फर्टिलाइजर वाला गेंहू खाने से कैंसर होता है, बीपी बढ़ता है, डायबिटीज होता है, थायरोड की प्रॉब्लम आती है। शुरू-शुरू में तो हमें मालूम नहीं पड़ा…तो खाने वाले के शरीर को अच्छा रखने के लिए बिना फर्टिलाइजर वाला खाना खाना चाहिए। इसका मतलब कि दवाइयों की जरूरत ही नहीं है। दूसरा उत्पादन बढ़ता है। मैंने प्राकृतिक खेती अपनाई है। आज मेरे उत्पादन में डेढ़ गुना की बढ़ोतरी हुई है।
शाह ने अपने बचपन की कहानी सुनाई अमित शाह से तीनों राज्यों की सहकारी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। इस दौरान शाह ने अपने जन्म के दिनों की छोटी सी कहानी भी बताई। उन्होंने कहा कि जब मैं पैदा हुआ था तो हमारे यहां बनासकांठा और कच्छ जिलों में हफ्ते में सिर्फ एक दिन ही स्नान के लिए पानी मिलता था। तब बहुत मुश्किलें थीं। आज आलम ये है कि हमारे यहां गांव का हर परिवार साल में एक करोड़ से ज्यादा कमाता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का गृह मंत्री होना बहुत बड़ी बात होती है। क्योंकि सरदार पटेल साहब भी गृह मंत्री थे। लेकिन जिस दिन मुझे सहकारिता मंत्री बनाया गया। मैं मानता हूँ कि उस दिन गृह मंत्रालय से भी बड़ा डिपार्टमेंट मुझे मिल गया। यह ऐसा मंत्रालय है जो देश के गरीबों, किसानों, गावों और पशुओं के लिए काम करता है।
अमित शाह ने ‘सहकार संवाद’ के दौरान कहा कि ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों का पता लगाने के लिए शोध कार्य जारी है। ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों का उपयोग करके ऊंट पालन करने वालों को दूध की ज्यादा कीमत दिलाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार और गुजरात सरकार मिलकर जल्द ही एक योजना लाने वाली है। जब ऊंट पालन और ऊंटनी के दूध का रेट बढ़ेगा तो स्वाभाविक रूप से उनकी नस्ल के संरक्षण में बहुत फायदा होगा।