Earth will rotate faster: 2025 में पृथ्वी के दिन होंगे सामान्य से छोटे: 9 जुलाई बनेगा सबसे छोटा दिन
9 जुलाई 2025, यानी आज का दिन सामान्य दिनों के मुकाबले 1.3 से 1.51 मिली सेकेंड पहले खत्म होगा। इसे इतिहास का सबसे छोटा दिन माना जा सकता है। 22 जुलाई और 5 अगस्त को भी चक्कर जल्दी खत्म होगा।

इससे पहले 5 जुलाई 2024 को पृथ्वी ने 1.66 मिली सेकेंड पहले अपना चक्कर खत्म किया था। पृथ्वी 24 घंटे में पूरा एक चक्कर लगाती है। Live Science के मुताबिक, चंद्रमा पृथ्वी के रोटेशन (चक्कर लगाना) को प्रभावित कर रहा है।
वैज्ञानिकों ने बताया है कि पृथ्वी बीते पांच साल साल यानी 2020 के बाद से अपनी धुरी पर सामान्य से तेज घूम रही है। दरअसल एक सौर दिन ठीक 86,400 सेकंड यानी 24 घंटे तक चलना चाहिए लेकिन पृथ्वी का घूर्णन कभी भी पूरी तरह से स्थिर नहीं रहा है। रिसर्च बताती हैं कि 2020 में किसी अज्ञात कारण से हमारा ग्रह तेजी से घूमने लगा है इससे कई बार दिन का समय 24 घंटे से कम हुआ है।
लीप सेकंड को हटाना पड़ सकता है
साल 2021 में एक दिन दर्ज किया, जो सामान्य से 1.47 मिलीसेकंड कम था। इसके बाद 2022 में यह 1.59 मिलीसेकंड कम हुआ और फिर 5 जुलाई, 2024 को रेकॉर्ड बना, जब दिन सामान्य 24 घंटों से 1.66 मिलीसेकंड कम रहा। ये रेकॉर्ड आने वाली तीन तारीखों में से किसी एक दिन टूट भी सकता है। यानी 9 या 22 जुलाई या फिर 5 अगस्त को इससे भी छोटा दिन हो सकता है।
क्या असर होगा?
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ऐसे छोटे दिन लगातार आते रहे, तो भविष्य में घड़ी के समय को भी बदलना पड़ेगा। अभी तक हम Leap Second यानी 1 सेकेंड जोड़ते थे, ताकि समय ठीक रहे, अब शायद हमें Negative Leap Second’, यानी 1 सेकेंड घटाना पड़ेगा। ऐसा पहली बार होगा। उम्मीद है कि यह बदलाव 2029 में किया जाएगा।
हमारे जीवन पर क्या असर होगा? पृथ्वी अपनी धुरी पर ज्यादा तेजी से घूम रही है, इसकी वजह से सभी देशों का समय बदल सकता है। इससे हमारी संचार व्यवस्था में भी दिक्कतें आ सकती हैं क्योंकि सैटेलाइट्स और संचार यंत्र सोलर टाइम के अनुसार ही सेट किए जाते हैं। ये समय तारों, चांद और सूरज की पोजिशन के अनुसार सेट की जाती है। नेविगेशन सिस्टम पर भी इसका असर पड़ेगा।