Centre Slows NH Declaration: राज्य हाईवे को NH में बदलने की रफ्तार होगी धीमी: केंद्र सरकार ला रही नई योजना
नई दिल्ली केंद्र सरकार अब राज्य राजमार्गों (State Highways) को नेशनल हाईवे (National Highways) में बदलने की मौजूदा प्रक्रिया को धीमा करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार अब हर सड़क को NH का दर्जा नहीं देगी। बल्कि राज्य सरकारों को खुद अपने हाईवे सुधारने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस बदलाव के पीछे केंद्र की प्राथमिकता अब ग्रीनफील्ड हाईवे और एक्सप्रेसवे जैसे लंबी दूरी की आधुनिक सड़क परियोजनाओं पर फोकस करना है।

फाइल फोटो
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय को निर्देश दिया है कि जुलाई के अंत तक ऐसा मॉडल तैयार किया जाए जिससे राज्य हाईवे को NH घोषित करने की जरूरत कम हो जाए। साथ ही मंत्रालय को राज्य हाईवे और छोटे बंदरगाहों (Ports) को आपस में जोड़ने पर भी काम करने के लिए कहा गया है।
अब राज्यों को मिल सकता है एकमुश्त फंड
नए मॉडल के तहत, केंद्र सरकार राज्यों को उनके अपने राजमार्गों को अपग्रेड करने के लिए एकमुश्त फंड दे सकती है। इस फंड से राज्य सरकारें अपनी आवश्यकता के अनुसार सड़कों का सुधार कर सकेंगी। अपग्रेड के बाद, इन सड़कों की देखरेख और रख-रखाव की जिम्मेदारी भी राज्य सरकारों की होगी।
अब तक 55,000 किमी सड़कों को मिल चुका है NH का दर्जा
पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने 55,000 किलोमीटर राज्य राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया है। जिससे भारत में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो चुकी है। सरकार का मानना है कि सड़क नेटवर्क को फैलाने से अधिक जरूरी है मौजूदा राजमार्गों का चौड़ीकरण और गुणवत्ता सुधार।
क्यों जरूरी बदलाव?
यह बदलाव इसलिए जरूरी है क्योंकि पिछले 11 सालों में सरकार ने 55,000 किलोमीटर स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में बदल दिया है। अब देश में 1.46 लाख किलोमीटर नेशनल हाईवे हैं। सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मानती। नेशनल हाईवे का नेटवर्क बढ़ने के बाद अब उन्हें चौड़ा करने और ठीक रखने पर ध्यान देना होगा। आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च तक भारत में 63 लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कें हैं।
मौजूदा प्रक्रिया में क्या होता था?
अब तक राज्य सरकारें अपनी अहम सड़कों को NH में बदलवाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजती थीं। केंद्र सरकार राष्ट्रीय महत्व, ट्रैफिक घनत्व और कनेक्टिविटी के आधार पर जांच करके उन सड़कों को NH घोषित करती थी। इसके बाद उनकी फंडिंग और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी केंद्र के पास आ जाती थी। मार्च 2025 तक भारत में कुल सड़क नेटवर्क की लंबाई 63 लाख किलोमीटर से ज्यादा होने का अनुमान है। ऐसे में केंद्र सरकार अब रणनीतिक दृष्टिकोण से लंबी दूरी की, तेज़ और सीमलेस कनेक्टिविटी वाली सड़कों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है।
पहले क्या था नियम और अब क्या होगा?
पहले सरकार स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे घोषित कर देती थी। इससे उनकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर आ जाती थी। अब सरकार ऐसा नहीं करेगी। अब राज्य सरकारों को अपने हाईवे की देखभाल खुद ही करनी होगी। केंद्र सरकार सिर्फ उन्हें बेहतर बनाने के लिए पैसे देगी। इससे राज्य सरकारों को अपने इलाकों में सड़कों को सुधारने का मौका मिलेगा।