Jaipur Nahargarh Biological Park Good News: राजस्थान के वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी: नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भालू जोड़े ने 2 साल बाद दिया बच्चे को जन्म
राजस्थान के वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर आई है। जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में नर भालू शंभू और मादा भालू झुमरी ने 2 साल बाद एक नए बच्चे को जन्म दिया है। यह बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और इसकी देखभाल वन विभाग द्वारा विशेष निगरानी में की जा रही है।
झुमरी और शंभू का जोड़ा
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मादा भालू झुमरी और नर भालू शंभू को एक जोड़े के रूप में रखा गया था। 21 वर्षीय नर भालू शंभू के साथ 13 साल की मादा भालू झुमरी ने इस रविवार को अपने बच्चे को जन्म दिया। दोनों भालू पूरी तरह स्वस्थ हैं। और बच्चा अभी अपनी मां के पास सुरक्षित बैठा हुआहैं।
झुमरी और उसके बच्चे की देखभाल
डीसीएफ (वन्यजीव संरक्षण अधिकारी) जगदीप गुप्ता के मुताबिक, पिछले कुछ समय से झुमरी की शारीरिक संरचना में बदलाव देखा जा रहा था, जिसके बाद से उसकी विशेष देखभाल की जा रही थी। रविवार को झुमरी ने बच्चे को जन्म दिया। हालांकि अभी तक बच्चे के लिंग का पता नहीं चल पाया है। क्योंकि झुमरी ने उसे खुद से चिपका कर रखा हैं।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार झुमरी और उसका बच्चा दोनों पूरी तरह से सुरक्षित हैं। और इनकी देखभाल की जा रही हैं। खासकर बदलते मौसम में मां और बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
इंडियन वुल्फ और अन्य प्रजनन की सफलता
इसके अलावा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इंडियन वुल्फ का भी सफल प्रजनन हुआ हैं। वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि इंडियन वुल्फ की प्रजनन दर उच्चतम हैं। और देश के विभिन्न चिड़ियाघरों में इसकी काफी डिमांड रहती हैं। इस कार्यक्रम के तहत एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से इंडियन वुल्फ के बदले अन्य वन्यजीवों को भी लाया जा सकता हैं।
पार्क में हाल ही में चौसिंगा और क्रोकोडाइल का भी सफल प्रजनन हुआ था। और उम्मीद की जा रही हैं। कि भविष्य में नए वन्यजीव पार्क में आएंगे। उल्लेखनीय है कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वर्ष 2020 में पहला सफल प्रजनन हुआ था। जब मादा हिप्पो ने बच्चे को जन्म दिया था।
नाहरगढ़ पार्क का महत्व
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की यह उपलब्धियां राज्य में वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो रही हैं। इन सफल प्रजननों के माध्यम से न केवल वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि हो रही हैं। बल्कि पार्क के एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अन्य चिड़ियाघरों में भी इन वन्यजीवों को भेजा जा सकता हैं।
इन प्रयासों से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ हैं। और आने वाले समय में यहां और भी सफलता की उम्मीद की जा रही हैं।