Ration Card Ekyc: राजस्थान सरकार ने राशन कार्ड की ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2024 तक बढ़ा दी: जाने क्या क्या बदलवा हुए ई-केवाईसी में
राजस्थान सरकार ने राशन कार्ड की ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2024 तक बढ़ा दी है। ई-केवाईसी न कराने पर राशन कार्ड से नाम हटेगा और लाभ बंद हो जाएगा। राशन कार्ड धारकों को आधार कार्ड के साथ जाकर ई-केवाईसी करनी होगी। इस प्रक्रिया से फर्जी लाभार्थियों को हटाया जाएगा।
राजस्थान में राशन कार्डधारकों को बड़ी राहत देते हुए, राज्य सरकार ने ई-केवाईसी की अंतिम तिथि को 30 नवंबर, 2024 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला उन लोगों के लिए राहत की खबर है, जिन्होंने अभी तक अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिले। इस प्रक्रिया के जरिए उन लोगों की पहचान कर उन्हें सूची से बाहर किया जाएगा जो अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए राशन कार्ड धारकों को अपने नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाना होगा और आधार कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। जिन लोगों के फिंगरप्रिंट नहीं हैं, उनकी ई-केवाईसी आईरिस स्कैनिंग के जरिए की जाएगी।
झुंझुनूं जिले के बात करे तो यहा अभी तक 80 प्रतिशत ई केवाईसी पूरी हो चुकी है। खाद्य सुरक्षा में चिह्नित 13 लाख 50 हजार में से 10 लाख लोगों ईकेवाईसी हो चुकी है। जिला रसद अधिकारी ने कपिल झाझड़िया ने बताया- ई-केवाईसी की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है।
घर से बाहर रहने वाला व्यक्ति राशन कार्ड KYC कैसे कराएं
अगर राजस्थान के परिवार का कोई सदस्य या पूरा परिवार राजस्थान के किसी दूसरे शहर या स्थान पर रहता है तो वह व्यक्ति या परिवार उसी स्थान के राशन दुकानदार से अपनी और अपने परिवार के सभी सदस्यों की केवाईसी करवा सकता है।
डीएसओ कपिल झाझडिया ने बताया, “सरकार ने ई-केवाईसी कराने की लास्ट डेट फिर बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है।” उन्होंने आगे कहा, “प्रत्येक राशन कार्ड में परिवार के जितने भी सदस्य का नाम है, उन सभी सदस्यों की राशन कार्ड ईकेवाईसी कार्रवाई करना जरूरी है। ई-केवाईसी के लिए नजदीकी डीलर के पास आधार कार्ड लेकर जाना होगा। अगर किसी उपभोक्ता के फिंगर प्रिंट नहीं आते तो उनके लिए आइरिस मशीन से ई केवाईसी की जाएगी।”
ई-केवाईसी प्रक्रिया को लेकर किसी भी प्रकार की भ्रांति से बचने के लिए यह स्पष्ट किया गया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क है। लाभार्थियों को किसी भी प्रकार का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है।