Loan Fair: दिव्यांगजनों के लिए 2 करोड़ का ऋण, पर क्या है असली तस्वीर?
दौसा: 14 अक्टूबर 2024 को रामचंद्र फॉर्म हाउस पर आयोजित ऋण मेला में नेशनल दिव्यांगजन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NDFDC) और राजस्थान जाति जनजाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से 200 दिव्यांगजन को 2 करोड़ का ऋण वितरित किया गया। NDFDC के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नवीन कुमार शाह ने दिव्यांगजनों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में यह कदम उठाने के लिए सराहना प्राप्त की है।
नवीन कुमार शाह ने कहा, “दिव्यांगजन असीम क्षमताओं के प्रतीक हैं।” उनका उद्देश्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना और समाज में प्रेरणा का स्रोत बनाना है। इस कार्यक्रम में उपस्थित जिला अधिकारी देवेन्द्र ने इसे समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
हालांकि, इस ऋण मेले को लेकर कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न भी उठ रहे हैं। क्या ये दिव्यांगजन वास्तव में इस ऋण को चुकता कर पाएंगे? यदि उनके पास नौकरी या स्थायी आय का स्रोत नहीं है, तो वे कर्ज के बोझ तले दब सकते हैं।
सरकार को ऐसी योजनाओं को लागू करने से पहले उनके संभावित परिणामों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। बिना किसी ठोस आर्थिक आधार के, ऐसे ऋण केवल दिव्यांगजनों को और अधिक कठिनाइयों में डाल सकते हैं।
सफल योजनाओं की आवश्यकता: एक सफल योजना तभी संभव है जब दिव्यांगजन को न केवल ऋण मिले, बल्कि उन्हें उचित कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएं। तब ही वे स्वतंत्रता से जीवन यापन कर सकेंगे और समाज के अन्य सदस्यों की तरह अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे।
दौसा में आयोजित यह कार्यक्रम दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में एक नई शुरुआत है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर ध्यान देना आवश्यक है। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी योजनाएं वास्तव में दिव्यांगजनों के लिए फायदेमंद हों, ताकि वे कर्ज के बोझ तले न दबें।