RBI MPC Meeting : लोन पर जल्द आ सकती है गुड न्यूज: RBI का बड़ा फैसला: जानिए बढ़ीं या घटी आप के लोन की EMI
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने (7 अक्टूबर) अपनी तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक शुरू कर दी थी जो 9 अक्टूबर तक चलेगी. इस बैठक में RBI की दर-निर्धारण समिति के तीन नए बाहरी सदस्यों की भागीदारी होगी. बैठक के बाद, RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज ( 9 अक्टूबर ) को रेपो दर पर निर्णय की जानकारी दी ।
क्या कहा RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की, “तीन नए बाहरी सदस्यों के साथ मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7, 8 और 9 अक्टूबर को हुई और विकसित व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थितियों और दृष्टिकोण का आकलन करने के बाद, एमपीसी ने छह में से पांच सदस्यों के बहुमत से नीति रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया।”
रेपो दर, जिस दर पर भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकों को उधार देता है, वर्तमान में 6.5% है। यह लगातार 10वीं एमपीसी बैठक है जिसमें रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया गया।
आरबीआई रेपो रेट
- आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘एनबीएफसी द्वारा स्व-सुधार वांछित विकल्प होगा’ ।
- आरबीआई क्रेडिट कार्ड, एमएफआई ऋण और असुरक्षित ऋण पर आने वाले आंकड़ों पर बारीकी से नजर रख रहा है।
- बैंकों और एनबीएफसी को निष्क्रिय खातों, खच्चर खातों, साइबर सुरक्षा परिदृश्य और कुछ अन्य कारकों पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- पिछले कुछ वर्षों में एनबीएफसी ने प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की हैकुछ एनबीएफसी मजबूत अंडरराइटिंग प्रथाओं का निर्माण किए बिना आक्रामक रूप से बढ़ रहे हैं।
- कुछ ऐसी एनबीएफसी हैं जहां वास्तविक मांग के बजाय खुदरा लक्ष्य विकास को गति दे रहे हैं।
- एनबीएफसी द्वारा स्वयं सुधार करना वांछित विकल्प होगा, हालांकि आरबीआई इस पर कड़ी नजर रख रहा है और आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।
RBI गवर्नर की राय
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, “आरबीआई स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उचित कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।”
मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अधिक जानकारी
सीपीआई मुद्रास्फीति दूसरी तिमाही में 4.1% रहने का अनुमान है, तीसरी तिमाही में 4.8% तक बढ़ने की उम्मीद है, चौथी तिमाही में 4.2% रहने का अनुमान है, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 4.3% रहने का अनुमान है ।
भले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में लगातार 10वीं बार अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव ना किया हो, लेकिन अपने रुख में बदलाव करते हुए न्यूट्रल कर दिया है. इसका मतलब है कि दिसंबर या फिर फरवरी के महीने में ब्याज दरों में कटौती के संकेत दे दिए हैं. आरबीआई गवर्नर ने इस एमपीसी की घोषणा में ब्याज दरों की कटौती का स्टेज पूरी तरह से तैयार कर दिया है. इस ऐलान के बाद से शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है. निफ्टी में 167 अंकों का इजाफा देखने को मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर सेंसेक्स 82 हजार अंकों के पार चला गया है ।