Jaipur News: राजस्थान बना सालभर का पर्यटन हॉटस्पॉट: पहली तिमाही में 5.23 करोड़ पर्यटक पहुंचे
राजस्थान अब घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए पूरे साल भर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है। राजस्थान में पर्यटन की बहार अब केवल सितंबर से मार्च के मौसम तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे साल पर्यटकों से भरा रहता है वर्ष- 2025 की पहली तिमाही जनवरी, फरवरी व मार्च में प्रदेश में अब तक 52353010 ( पांच करोड़ तेइस लाख तिरेपन हजार दस) घरेलू व विदेशी पर्यटक यात्राएं की जा चुकी हैं। जिनमें से 51564275 घरेलू व 788735 विदेशी पर्यटक यात्राएं हुई हैं।

पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक दलीप सिंह राठौड़ के अनुसार प्रदेश में घरेलू पर्यटकों का खास रुझान धार्मिक पर्यटन की ओर है, प्रदेश के धार्मिक आस्था के केंद्र पर 34889072 ( तीन करोड़ अडतालीस लाख नवासी हजार बहत्तर) घरेलू पर्यटकों की यात्राएं दर्ज की गई वहीं विदेशियों ने भी अपनी उपस्थित धार्मिक स्थलों पर दर्ज करवाई जिनमें विदेशी पर्यटकों की यात्राएं 86487 ( छियासी हजार चार सौ सत्तयासी) शामिल हैं।
खास बात यह भी है कि प्रदेश के गढ़ व किले भी घरेलू व विदेशी पर्यटकों के लिए आज भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, इस साल के पहले तीन महीनों में प्रदेश के गढ़ व किलों को देखने घरेलू पर्यटकों की यात्राएं 3587875 ( पैतीस लाख सत्तयासी हजार आठ सौ पिचहत्तर) व विदेशी पर्यटक यात्राएं 233066 ( दो लाख तैतीस हजार छियासठ) हुई।
संयुक्त निदेशक दलीप सिंह राठौड़ का कहना है कि राज्य सरकार की मंशा प्रदेश में विदेशी पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू पर्यटकों की आमद को बढ़ाने की है। इसी के चलते प्रदेश के धार्मिक आस्था के केंद्रों पर पर्यटन विभाग द्वारा बुनायादी पर्यटकीय सुविधाओं को अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है, जिससे देशी व विदेशी पर्यटकों की राजस्थान यात्रा सुखद रहे।

राठौड़ ने कहा कि यह सफलता राज्य सरकार के सक्रिय प्रयासों का परिणाम है। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के पर्यटन विकास विजन को, पर्यटन सचिव श्री रवि जैन के निर्देशन में, जमीनी स्तर पर साकार किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि राजस्थान को न केवल देश में, बल्कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर शीर्ष स्थान दिलाया जाए।
पर्यटन विभाग राज्य के धार्मिक स्थलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुविधाओं से लैस कर रहा है, जिससे देशी व विदेशी दोनों प्रकार के पर्यटकों की यात्रा अधिक सुखद और यादगार बन सके। साथ ही धार्मिक स्थलों की सार-संभाल, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर निरंतर काम हो रहा है। राज्य सरकार का जोर केवल नए पर्यटकों को आकर्षित करने पर ही नहीं, बल्कि ‘रिपीट टूरिज्म’ यानी पर्यटकों की पुनः वापसी सुनिश्चित करने पर भी है। इसके लिए ‘एक जिला-एक उत्पाद’ मॉडल को पुनर्परिभाषित किया जा रहा है, जिसमें हेरिटेज, हस्तशिल्प, मेले-त्योहार और वाइल्डलाइफ टूरिज्म को प्रमुखता दी जा रही है।
संयुक्त निदेशक राठौड़ ने यह भी कहा कि जहां घरेलू पर्यटन निरंतर गति पकड़ रहा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन वैश्विक परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। फिर भी विभाग का प्रयास है कि राजस्थान को हर मौसम में एक ऐसा अनुभवात्मक स्थल बनाया जाए, जहां हर वर्ग का पर्यटक अपनी रुचि अनुसार कुछ न कुछ नया पाए।