द्रव्य पोर्टल आयुष ज्ञान को डिजिटल युग में संरक्षित कर भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाने की ऐतिहासिक पहल
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द्रव्य पोर्टल आयुष मंत्रालय की डिजिटल पहल है, जिसमें 378 औषधीय पौधों का वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध है। सांसद मदन राठौड़ और मंत्री प्रतापराव जाधव के अनुसार यह प्लेटफॉर्म आयुर्वेद ज्ञान को सुरक्षित कर शोध, शिक्षा और चिकित्सा को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम है।
द्रव्य पोर्टल: पारंपरिक आयुष विज्ञान को डिजिटल दुनिया से जोड़ने की मोदी सरकार की ऐतिहासिक पहल
भारतीय आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली विश्वभर में अपनी वैज्ञानिकता, प्राकृतिक प्रभावशीलता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती है। इस ज्ञान को संरक्षित करने तथा आधुनिक युग की तकनीक से जोड़कर वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने “द्रव्य पोर्टल” की शुरुआत की है। इस अभिनव डिजिटल पहल ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को तकनीक के साथ जोड़कर स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन प्रस्तुत किया है।
सांसद मदन राठौड़ ने राज्यसभा में उठाया सवाल, सरकार ने दी विस्तृत जानकारी
राज्यसभा में भाजपा सांसद मदन राठौड़ ने द्रव्य पोर्टल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा। उनके सवाल पर जवाब देते हुए आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने पोर्टल की संरचना, उद्देश्यों, कार्यप्रणाली और वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी सदन में प्रस्तुत की।
मदन राठौड़ ने कहा कि आयुर्वेद न केवल भारत की धरोहर है, बल्कि इसकी वैज्ञानिकता और प्रभावशीलता ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है। ऐसे में इसे डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित करना और शोध-आधारित जानकारी दुनिया तक पहुँचाना, सरकार की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है।
सीसीआरएएस द्वारा विकसित द्रव्य पोर्टल क्या है?
आयुष मंत्रालय के अनुसार द्रव्य पोर्टल को केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने विकसित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य है—
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आयुष द्रव्यों का एक प्रमाणिक व वैज्ञानिक रूप से सत्यापित डिजिटल डेटाबेस तैयार करना
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शोधकार्यों के लिए ज्ञान का केंद्रीकृत, उपयोगकर्ता-अनुकूल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना
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आयुर्वेद, पादपशास्त्र, रसायन विज्ञान, फार्मेसी एवं फार्माकोलॉजी जैसी महत्वपूर्ण शाखाओं की जानकारी देना
यह पोर्टल पूरी तरह डिजिटल है, जिसमें उपयोगकर्ता को किसी भी आयुष द्रव्य के बारे में जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाती है।
अब तक 378 औषधीय पौधों का डिजिटल डेटा उपलब्ध

राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि पोर्टल में अब तक 378 औषधीय पौधों की प्रमाणिक जानकारी अपलोड की जा चुकी है।
इन पौधों का चयन—
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आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णित
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पारंपरिक उपचार में लंबे समय से उपयोग
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वैज्ञानिक रूप से सत्यापित औषधीय महत्व
इन मानकों के आधार पर किया गया है।
इससे यह सुनिश्चित होता है कि पोर्टल पर उपलब्ध हर जानकारी प्रामाणिक है और किसी भी शोधकर्ता या चिकित्सक द्वारा भरोसे के साथ उपयोग की जा सकती है।
सरल और उपयोगकर्ता-हितैषी इंटरफेस
द्रव्य पोर्टल का इंटरफेस बहुत सरल बनाया गया है—
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एक समर्पित सर्च बॉक्स
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पौधों की वर्गीकृत सूची
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पौधों का पूर्ण विवरण: गुण, प्रयोग, रसायन, डोज, स्रोत
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शोध पत्रों और प्राचीन ग्रंथों से जुड़े संदर्भ
इससे विद्यार्थी, शोधकर्ता और चिकित्सक आसानी से आवश्यक डेटा प्राप्त कर सकते हैं।
द्रव्य पोर्टल को अन्य डिजिटल पहलों से भी जोड़ा जाएगा
आयुष मंत्रालय ने बताया कि इस पोर्टल को भविष्य में मंत्रालय की अन्य प्रमुख डिजिटल पहलों जैसे—
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Ayush Grid
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e-Charak
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Ayush Research Portal
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Tele-Medicine Services
से जोड़ने की योजना है, जिससे एकीकृत स्वास्थ्य डेटा प्रणाली विकसित हो सके।
आधुनिक तकनीक और परंपरा का संगम
जाधव ने बताया कि यह पोर्टल आयुर्वेद दिवस के अवसर पर 23 सितंबर 2025 को लॉन्च किया गया था। यह पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मदन राठौड़ बोले — यह पोर्टल वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाएगा
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने कहा—
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द्रव्य पोर्टल भारतीय चिकित्सा ज्ञान को विश्व के सामने वैज्ञानिक रूप में प्रस्तुत करेगा।
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यह शोधकर्ताओं, छात्रों और चिकित्सकों के लिए एक सशक्त एवं विश्वसनीय प्लेटफॉर्म है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहल आयुर्वेद को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली का भविष्य बनाने की दिशा में ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
उन्होंने इसे भारत के पारंपरिक विज्ञान की डिजिटल यात्रा में महत्वपूर्ण अध्याय बताया।
निष्कर्ष: डिजिटल आयुर्वेद की दिशा में भारत का निर्णायक कदम
द्रव्य पोर्टल न केवल पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को सुरक्षित कर रहा है, बल्कि इसे डिजिटल नवाचार के साथ जोड़कर भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक संरक्षित, विश्वसनीय और वैज्ञानिक मंच तैयार कर रहा है।
यह पहल भारत को वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी भूमिका दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
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