Hezbollah Pager Attack: हिजबुल्लाह पर पेजर अटैक के पीछे कौन? कौन है इजरायल की 8200 यूनिट :आखिरकार कौन कर रहा है हमले ?
Pager Attack: इजरायल हमास हमले के बिच
हिजबुल्लाह भी बेंजामिन नेतन्याहू के देश पर लगातार हमले कर रहा है. इजरायल पर लगातार एयर स्ट्राइक की जा रही हैं. इसी बीच यह खबर भी सामने आ रही है कि इजरायल की यूनिट-8200 ने ही लेबनान में पेजर अटैक करवाए हैं.
हिजबुल्लाह पर पेजर अटैक के पीछे मोसाद नहीं…. कौन है इजरायल की यूनिट-8200 जिसने लेबनाना में बिछा दी लाशें
आखिरकार कौन करवा रहा है हमले ?
हिजबुल्लाह भी बेंजामिन नेतन्याहू के देश पर लगातार हमले कर रहा है. इजरायल पर लगातार एयर स्ट्राइक की जा रही हैं. इसी बीच यह खबर भी सामने आ रही है कि इजरायल की यूनिट-8200 ने ही लेबनान में पेजर अटैक करवाए हैं.
यूनिट-8200 यहीं नहीं रुकी. लेबनान में पेजर अटैक के अगले ही दिन इजरायल की इस एजेंसी ने हिजबुल्लाह पर वॉकी-टाकी अटैक को हंजाम दिया. इन हमलों में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 300 से ज्यादा घायल हो गए. पेजर अटैक में 12 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. माना जा रहा था कि मोसाद ने इस हमलों को अंजाम दिया है लेकिन न्यूज एजेंसी ने अपने वेस्टर्न सोर्स के हवाले से बताया कि इजरायल की साइबर वॉर से निपटने वाली एजेंसी ‘यूनिट-8200’ हिजबुल्लाह पर यह हमले करवा रही है.
आखिर क्या यूनिट 8200 ?
यूनिट 8200 दरअसल इजरायली सेना इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) का ही हिस्सा है, जिसका काम तकनीकी युद्ध, खुफिया बैठकों और साइबर सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. यह खुफिया जानकारी इकट्ठा कर उसके अनुरूप स्ट्रैटेजी बनाकर काम करती है. इसकी तुलना अक्सर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) से की जाती है
लेबनान में पेजर धमाके कैसे हुए या कैसे किए गए इसे लेकर दो अलग-अलग तरह की बातें कही जा रही हैं.
पहला धमाका : बैटरी ओवरहीटिंग कर धमाका
शुरुआती जानकारी के तौर पर यह बात कही गई कि पेजर सिस्टम को हैक कर यह धमाका किया गया. इसका शक इजराइल और इसकी खुफिया एजेंसी मोसाद पर जताया जा रहा है. अब पहली जो थ्योरी सामने आई है, उसके मुताबिक, हैकिंग के जरिए पेजरों की लिथियम बैटरी को इतना गर्म कर दिया गया कि उनमें धमाका हो गया, जैसे अमूमन चार्जिंग के दौरान हम मोबाइल बैटरी के फटने खबरें सुनते हैं. लेकिन साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि बैटरी हीटिंग के जरिए धमाका संभव नहीं लगता, क्योंकि ओवरहीटिंग के चलते कुछ एक पेजर में तो आग लग सकती है, जिसकी बैटरी 100 फीसदी से ज्यादा चार्ज हो जाए, लेकिन 50 फीसदी से कम चार्ज वाली बैटरी में धमाका नहीं हो सकता. ऐसे पेजर में धुआं निकल सकता है. अगर ऐसे पेजर में धमाका होता भी है, तो वह बेहद कम
दूसरा धमाका :पेजरों में प्लांट किये विस्फोटक
दूसरी थ्योरी कहती है कि पेजर बनाते समय या फिर उसकी आपूर्ति के समय सप्लाई चेन को कहीं भेज गया और हजारों पेजर में विस्फोटक प्लांट किए गए, धमाकों में फटे पेजरों की जो तस्वीरे सामने आ रही हैं, उनके जरिए ये आशंका जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि ये तमाम पेजर ताइवान में गोल्ड अपोलो कंपनी में बने हैं, जिनका मॉडल नंबर AP924 है. हालांकि, अपोलो कंपनी का कहना है कि ये यूरोपीय देश में बना पेजर है, जिसके पास गोल्ड अपोलो कंपनी के नाम का इस्तेमाल करने का अधिकार है. सूत्रों और सुरक्षा विशेषज्ञों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि पेजर के उत्पादन के समय ही इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इनमें एक ऐसा बोर्ड प्लांट कर दिया, जिसमें विस्फोटक लगे थे और कुछ तो विस्फोटक की मात्रा भी बताते हैं. इनमें विस्फोटक की मात्रा करीब 3 ग्राम बताई जा रही है|
PM ऑफिस को रिपोर्ट करती है यूनिट-8200
रिपोर्ट में दावा किया गया कि ‘यूनिट 8200′ सीधे इजरायल के पीएम कार्यालय को रिपोर्ट करती है. इसका मोसाद के साथ क्लोस कॉर्डिनेशन होता है. पेजर धमाकों को अंजाम देने से पहले इसे लेकर जमकर टेस्ट किए. इस बात पर विचार किया गया कि पेजर के अंदर विस्फोटक को कैसे फिट किया जा सकता है. बाद में इजरायल में ही विस्फोट के संबंध में कई ट्रायल किए गए. इजराइल डिफेंस सूत्रों का कहना है कि यूनिट 8200 के सदस्य इजराइली सेना में सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली कर्मियों में से कुछ हैं, जो इजराइल की रक्षा क्षमताओं के केंद्र में एक इकाई में सेवा कर रहे