भोजपुर पुलिस पर छेड़खानी केस में गिरफ्तारी न करने के लगे गंभीर आरोप
मुरादाबाद में महिलाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई। आरोप है कि भोजपुर पुलिस थाना में नाबालिक बेटी के साथ छेड़खानी और मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की। महिलाओं ने सर्किट हाउस पर रोते हुए हंगामा किया।
भोजपुर पुलिस पर नाबालिक के साथ छेड़खानी केस में गिरफ्तारी नहीं करने का आरोप
मुरादाबाद : भोजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की महिलाओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुरादाबाद दौरे के दौरान न्याय की गुहार लगाई। महिलाएं सर्किट हाउस पहुंचीं लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया।
महिलाओं का कहना था कि 27 नवंबर 2025 को उनके नाबालिक बेटी के साथ छेड़खानी और मारपीट के मामले में 10 नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप है कि मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भोजपुर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की।
सर्किट हाउस पर रोते बिलखते हुए हंगामा
महिलाओं ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुरादाबाद के सर्किट हाउस आ रहे हैं। वे न्याय की मांग के साथ मुख्यमंत्री से मिलने आई थीं। लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया।
महिलाओं ने गेट के बाहर रोते हुए हंगामा किया और सड़क पर लेटकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। परिवार ने कहा कि जब भी वे पुलिस से संपर्क करते हैं, तो उन्हें टालमटोल करके घर भेज दिया जाता है।
महिलाओं की शिकायत और पुलिस की प्रतिक्रिया
परिवार ने बताया कि उन्होंने बार-बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। सर्किट हाउस पर हंगामे के बाद पुलिस ने महिलाओं को समझा-बुझाकर थाने भेज दिया।
इस घटना से यह सवाल उठता है कि ‘मिशन शक्ति’ अभियान के दावे कितने प्रभावी हैं। महिलाओं ने साफ किया कि राज्य सरकार के तहत महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए बनायी गई योजनाओं में ठोस परिणाम नजर नहीं आ रहे।
मिशन शक्ति और न्याय की गुहार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुरादाबाद दौरे के दौरान हुए इस हंगामे ने दिखा दिया कि महिला सुरक्षा और कानून का क्रियान्वयन अभी भी चुनौतीपूर्ण है। महिलाएं न्याय की प्रतीक्षा कर रही हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
वर्तमान में पुलिस की निष्क्रियता के कारण पीड़ित परिवार को न्याय मिलने में देरी हो रही है। महिलाओं का यह प्रदर्शन न केवल व्यक्तिगत न्याय की मांग है, बल्कि पूरे समाज में महिला सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी संकेत देता है।
स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी
भोजपुर थाना और मुरादाबाद पुलिस प्रशासन पर यह जिम्मेदारी है कि वे नाबालिक बच्ची के साथ हुई छेड़खानी और मारपीट के आरोपों में शीघ्र और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें।
स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए जाने चाहिए कि वे Mission Shakti अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में गंभीरता दिखाएं।
निष्कर्ष
मुरादाबाद में महिलाओं द्वारा सर्किट हाउस पर किया गया प्रदर्शन यह दर्शाता है कि नाबालिक बच्चों के खिलाफ अपराधों में पुलिस की निष्क्रियता और आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी गंभीर चिंता का विषय है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना चाहिए। साथ ही पुलिस प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करना और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करना राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस घटना ने साफ किया कि महिला सुरक्षा और न्याय केवल योजनाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि कदम दर कदम कार्रवाई और प्रभावी कानून क्रियान्वयन आवश्यक है।
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