जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जल जीवन मिशन की निविदा में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव समेत 6 अधिकारियों के विरुद्ध विस्तृत जांच का अनुमोदन किया। कुल 14 अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मंजूरी देते हुए राज्य सरकार ने पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार पर कड़ा कदम उठाया
जयपुर : राजस्थान सरकार राज्य कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने जल जीवन मिशन की निविदा में भ्रष्टाचार और मिलीभगत के आरोपों के संबंध में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग सहित 05 अन्य अधिकारियों के विरुद्ध जांच कार्यवाही का अनुमोदन किया।
इस कार्रवाई के तहत कुल 06 अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए में विस्तृत जांच एवं अनुसंधान कार्यवाही को पूर्वानुमोदित किया गया। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भ्रष्ट, लापरवाह और अनुशासनहीन कार्मिकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
विस्तृत जांच और अनुसंधान की मंजूरी
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संचालित जांच कार्यवाही की निरंतरता सुनिश्चित करते हुए निविदा कार्य से जुड़ी तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन समितियों में गड़बड़ी के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई को मंजूरी दी।
इसमें शामिल हैं:
मुख्य अभियंता, अधिशाषी अभियंता, अधीक्षण अभियंता, तकनीकी समिति के सदस्य, सचिव स्तर के अधिकारी
इस कार्रवाई का उद्देश्य सभी पक्षों को उजागर करना और दोषियों के विरुद्ध तत्काल और पारदर्शी कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
आई.ए.एस. अधिकारी के विरुद्ध नवीन जांच
मुख्यमंत्री ने एक अन्य आई.ए.एस. अधिकारी के विरुद्ध भी अखिल भारतीय सेवाएँ (वर्गीकरण, अनुशासन एवं अपील) 1969 के नियम 8 के तहत नवीन जांच कार्यवाही प्रारंभ करने का अनुमोदन किया।
साथ ही, राजस्थान सिविल सेवाएँ (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1969 के नियम 34 के तहत पांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिव्यू याचिका को खारिज करते हुए पूर्व प्रदत्त दंड को यथावत रखने का अनुमोदन भी किया गया।
सेवानिवृत्त अधिकारियों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने सीसीए नियम 16 के तहत दो सेवा निवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध प्रमाणित जांच निष्कर्ष को मंजूरी दी। यह कार्रवाई आगामी दंडात्मक कार्यवाही के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार राज्य सरकार ने कुल 14 अधिकारियों के विरुद्ध जांच और कार्रवाई का अनुमोदन किया है, जिसमें वर्तमान और सेवानिवृत्त अधिकारी दोनों शामिल हैं।
राज्य सरकार की नीति: पारदर्शिता और सुशासन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की यह कार्रवाई राज्य सरकार के सख्त दृष्टिकोण और भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है। जल जीवन मिशन जैसे महत्वपूर्ण योजना में किसी भी प्रकार की अनियमितता या मिलीभगत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस कदम से यह संदेश जाता है कि सरकारी परियोजनाओं में:
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पारदर्शिता
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जवाबदेही
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अनुशासन
को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
भ्रष्टाचार निवारण के लिए निरंतर प्रयास
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शुरू की गई जांच कार्यवाही जारी रहेगी। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपेक्षा है कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ करें।
मुख्यमंत्री का यह कदम न केवल भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य स्तर पर सरकारी योजनाओं में विश्वास और जनता के लिए भरोसा बनाए रखने का संदेश भी देता है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सख्त कार्रवाई और विस्तृत जांच की मंजूरी ने राजस्थान में जल जीवन मिशन सहित अन्य योजनाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन की दिशा में एक मजबूत संदेश भेजा है।
यह स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार, मिलीभगत और अनुशासनहीनता के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाए हुए है, और भविष्य में किसी भी अधिकारी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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