न्यूज़ीलैंड और ओमान के साथ व्यापार समझौते से राजस्थान के टेक्सटाइल, रत्न, हस्तशिल्प सेक्टर को नई उड़ान
भारत-न्यूज़ीलैंड FTA और भारत-ओमान CEPA से राजस्थान के टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, हस्तशिल्प, MSME, कृषि और सेवा क्षेत्रों में निर्यात, निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। ये समझौते राज्य को वैश्विक व्यापार मानचित्र पर मजबूत स्थिति दिलाएंगे।
राजस्थान वैश्विक स्तर पर चमकने को तैयार :
भारत के न्यूज़ीलैंड और ओमान के साथ नए व्यापार समझौते खोलेंगे ऐतिहासिक अवसर
जयपुर : राजस्थान अब वैश्विक व्यापार मंच पर एक नई पहचान बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) तथा भारत और ओमान के बीच हुआ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) राज्य के लिए टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, हस्तशिल्प, लेदर, कृषि और सेवा क्षेत्रों में बड़े बदलाव की नींव रखने वाले साबित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हुए ये समझौते न केवल भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति को मजबूत करते हैं, बल्कि राजस्थान जैसे निर्यात-प्रधान राज्यों के लिए नए अवसरों के द्वार भी खोलते हैं।
भारत-न्यूज़ीलैंड FTA: राजस्थान के निर्यातकों के लिए नया क्षितिज
भारत और न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और क्रिस्टोफर लक्सन के नेतृत्व में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौता राजस्थान के औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस समझौते के तहत कई उत्पाद श्रेणियों पर 10 प्रतिशत तक के टैरिफ समाप्त किए गए हैं, जिससे राजस्थान के उत्पाद न्यूज़ीलैंड के बाज़ार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
किन क्षेत्रों को मिलेगा सीधा लाभ
FTA के माध्यम से राजस्थान के निम्नलिखित प्रमुख सेक्टरों को लाभ होने की उम्मीद है:
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टेक्सटाइल और परिधान
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चमड़ा और फुटवियर
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जेम्स और ज्वेलरी
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हस्तशिल्प और कालीन
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इंजीनियरिंग गुड्स
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प्रोसेस्ड फूड और कृषि उत्पाद
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फार्मास्यूटिकल्स
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प्लास्टिक और रबर उत्पाद
इन सेक्टरों में राजस्थान पहले से ही मजबूत उपस्थिति रखता है, और टैरिफ खत्म होने से निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है।
श्रम-प्रधान उद्योगों को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन
राजस्थान की अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार श्रम-प्रधान उद्योग हैं। हथकरघा, हस्तशिल्प, गारमेंट्स, लेदर और जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे सेक्टर बड़ी संख्या में रोज़गार पैदा करते हैं। FTA के तहत बाजार पहुंच आसान होने से इन क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ेगा, जिससे स्थानीय रोजगार, MSME और कारीगरों को सीधा लाभ मिलेगा।
शिक्षा, सेवाएं और स्किल डेवलपमेंट के नए रास्ते
भारत-न्यूज़ीलैंड समझौता केवल वस्तुओं तक सीमित नहीं है। इसके तहत:
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भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए समर्पित वीज़ा मार्ग
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IT, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, शिक्षा, निर्माण, आयुष और पर्यटन में अवसर
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स्किल डेवलपमेंट और उच्च शिक्षा में सहयोग
राजस्थान के युवाओं के लिए यह समझौता अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और वैश्विक करियर के नए द्वार खोलेगा।
15 वर्षों में 20 बिलियन डॉलर निवेश: राजस्थान के लिए बड़ा मौका
इस समझौते के तहत अगले 15 वर्षों में US$20 बिलियन निवेश की प्रतिबद्धता शामिल है। इससे राजस्थान को निम्न क्षेत्रों में विदेशी निवेश आकर्षित करने का अवसर मिलेगा:
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विनिर्माण और औद्योगिक क्लस्टर
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बुनियादी ढांचा
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कृषि मूल्य श्रृंखला
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नवीकरणीय ऊर्जा
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उभरते टेक्नोलॉजी सेक्टर
यह निवेश राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास को गति देगा।
भारत-ओमान CEPA: खाड़ी और अफ्रीकी बाजारों का प्रवेश द्वार

भारत और ओमान के बीच हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) राजस्थान के निर्यातकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। ओमान ने अपनी 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शुल्क समाप्त कर दिया है, जबकि भारत ने 77.79 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर रियायतें दी हैं।
प्रमुख लाभार्थी सेक्टर
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जेम्स और ज्वेलरी
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टेक्सटाइल और गारमेंट्स
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लेदर और फुटवियर
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स्पोर्ट्स गुड्स
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फर्नीचर और प्लास्टिक उत्पाद
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कृषि और प्रोसेस्ड फूड
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फार्मा और मेडिकल डिवाइस
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ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग प्रोडक्ट
जीरो-ड्यूटी एक्सेस से राजस्थान के एक्सपोर्टर्स को लागत में कमी और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी।
जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर को ऐतिहासिक बढ़त

राजस्थान, विशेष रूप से जयपुर, विश्व प्रसिद्ध जेम्स एंड ज्वेलरी हब है। CEPA के तहत:
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कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों को ड्यूटी-फ्री एंट्री
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हस्तनिर्मित ज्वेलरी और वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स को नया बाजार
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मार्जिन में सुधार और एक्सपोर्ट वॉल्यूम में वृद्धि
इससे राज्य के लाखों कारीगरों और MSME को लाभ होगा।
टेक्सटाइल और हस्तशिल्प को खाड़ी बाजारों तक सीधी पहुंच
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राजस्थान के हथकरघा, होम फर्निशिंग, कालीन और पारंपरिक वस्त्र अब खाड़ी देशों और री-एक्सपोर्ट बाजारों में बेहतर पहुंच बना पाएंगे। MSME क्लस्टर में टैरिफ खत्म होने से:
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निर्यात बढ़ेगा
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महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
कृषि और प्रोसेस्ड उत्पादों के लिए नई संभावनाएं
मसाले, दालें, तिलहन और ऑर्गेनिक उत्पादों को भारत के NPOP सर्टिफिकेशन की स्वीकृति मिलने से राजस्थान के किसान और एग्री-प्रोसेसर सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जुड़ सकेंगे। इससे:
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कृषि निर्यात बढ़ेगा
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वैल्यू-एडिशन को बढ़ावा मिलेगा
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ग्रामीण रोजगार सृजित होंगे
ओमान: लॉजिस्टिक्स और री-एक्सपोर्ट का रणनीतिक केंद्र
ओमान की भौगोलिक स्थिति उसे खाड़ी, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के लिए एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स और री-एक्सपोर्ट हब बनाती है। इसका सीधा लाभ राजस्थान के MSME और निर्यातकों को मिलेगा, जो अब नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आसानी से विस्तार कर सकेंगे।
सेवा क्षेत्र और आयुष को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
CEPA में सेवाओं का व्यापक पैकेज शामिल है, जिसमें:
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कंप्यूटर और IT सेवाएं
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प्रोफेशनल और बिजनेस सेवाएं
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शिक्षा और स्वास्थ्य
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रिसर्च एंड डेवलपमेंट
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आयुष, योग और वेलनेस
राजस्थान के डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, कंसल्टेंट और आयुष संस्थान इन अवसरों से लाभान्वित होंगे।
राजस्थान सरकार का दृष्टिकोण
उद्योग विभाग के आयुक्त श्री सुरेश कुमार ओला ने कहा कि ये व्यापार समझौते राजस्थान के आर्थिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक साबित होंगे। नए बाजार, कम टैरिफ और निवेश के रास्ते राज्य के कारीगरों, उद्यमियों और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेंगे।
निष्कर्ष: राजस्थान की वैश्विक उड़ान का नया अध्याय
भारत-न्यूज़ीलैंड FTA और भारत-ओमान CEPA राजस्थान के लिए केवल व्यापार समझौते नहीं, बल्कि आर्थिक परिवर्तन का रोडमैप हैं। टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, हस्तशिल्प, कृषि और सेवा क्षेत्रों में इनसे राज्य को वैश्विक पहचान, निवेश और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। आने वाले वर्षों में राजस्थान भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट और इनोवेशन हब के रूप में उभरने को पूरी तरह तैयार है।

