मुरादाबाद की छात्रा आयशा ने एसएसपी के सामने उठाया जाम का मुद्दा: ई-रिक्शा संचालन में सुधार का आश्वासन

मुरादाबाद की छात्रा आयशा ने एसएसपी सतपाल अंतिल से ई-रिक्शा से लगने वाले जाम की समस्या के समाधान की मांग की। एसएसपी ने यातायात सुधार और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
नन्ही बच्ची ने उठाया बड़ा मुद्दा, यातायात व्यवस्था सुधारने की अपील :

मुरादाबाद में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब सेंट मेरी स्कूल की कक्षा 4 की छात्रा आयशा ने खुद आगे बढ़कर पुलिस कप्तान से शहर की जाम की समस्या का समाधान मांगा। बुधवार को एसएसपी सतपाल अंतिल जब अपने कार्यालय में फरियादियों की सुनवाई कर रहे थे, तभी यह नन्ही फरियादी अपनी गंभीर शिकायत लेकर पहुंची।
सेंट मेरी स्कूल की कक्षा 4 की छात्रा आयशा ने शहर के लोगों की परेशानी को देखते हुए इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दिलाकर जल्द ही समस्या का समाधान करने की मांग की है। एसएसपी सतपाल अंतिल ने छात्रा को आश्वासन दिया है कि यातायात व्यवस्था में सुधार कराकर ई-रिक्शा से लगने वाले जाम की समस्या को लेकर सख्त कदम उठाए जाएंगे। शहरवासियों का कहना है कि शहर में बढ़ती ई-रिक्शा संख्या पर नियंत्रण और नियमों के तहत संचालन जरूरी है, ताकि यातायात व्यवस्था सही तरीके से सुचारू रहे, और सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सके
आयशा ने बताया कि शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा की अव्यवस्थित पार्किंग और मनमाने ढंग से रुकने के कारण हर रोज जाम लगता है। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और आम नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। उसने एसएसपी से अनुरोध किया कि इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए ताकि शहर का यातायात सुचारू हो सके।
एसएसपी सतपाल अंतिल ने दी कार्यवाही का आश्वासन :
छात्रा की मासूम लेकिन सटीक बातों से प्रभावित होकर एसएसपी सतपाल अंतिल ने कहा कि पुलिस विभाग इस समस्या को गंभीरता से लेगा। उन्होंने यातायात व्यवस्था में सुधार लाने और ई-रिक्शा संचालन के नियमों को सख्ती से लागू करने का आश्वासन दिया।
एसएसपी ने यह भी बताया कि शहर में बढ़ते ई-रिक्शा की संख्या पर नियंत्रण जरूरी है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा नए रूट और पार्किंग जोन चिन्हित किए जाएंगे ताकि सड़कें खुली रहें और जाम की स्थिति न बने।
शहरवासियों ने छात्रा की पहल को सराहा :
आयशा की इस पहल को देखकर शहरवासियों ने उसकी जागरूकता और साहस की प्रशंसा की। नागरिकों का कहना है कि यह कदम समाज में एक सकारात्मक संदेश देता है कि बदलाव की शुरुआत किसी भी उम्र में की जा सकती है।
दुकानदारों ने भी कहा कि शहर में जाम की समस्या के कारण व्यापार पर असर पड़ता है। ग्राहक दुकानों तक पहुंचने में असुविधा महसूस करते हैं, जिससे आर्थिक नुकसान होता है।
ई-रिक्शा बढ़ने से यातायात व्यवस्था पर असर :
मुरादाबाद में पिछले कुछ वर्षों में ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ी है। सस्ते और सुविधाजनक होने के कारण इनका चलन बढ़ा, लेकिन नियमन की कमी के चलते यह अब शहर के ट्रैफिक के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं।
अधिकांश ई-रिक्शा चालक बिना परमिट या निर्धारित मार्ग के चलते हैं। कई बार सड़क किनारे रुककर सवारियां चढ़ाने-उतारने से जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे एम्बुलेंस और स्कूल बसों तक को गुजरने में परेशानी होती है।
प्रशासन की भूमिका और जनता की अपेक्षा :
एसएसपी के निर्देश के बाद ट्रैफिक विभाग अब सड़कों पर अव्यवस्थित ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी में है। पुलिस का मानना है कि रूट परमिट, चालक पंजीकरण और पार्किंग व्यवस्था को सख्ती से लागू कर ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है।
जनता भी चाहती है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि स्कूलों, बाज़ारों और मुख्य चौराहों पर जाम से राहत मिल सके।
निष्कर्ष :
एक नन्ही छात्रा का यह प्रयास न केवल ट्रैफिक व्यवस्था सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है बल्कि यह संदेश भी देता है कि अगर समाज का हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे तो शहर की समस्याओं का हल निकालना कठिन नहीं।
आयशा जैसी बच्चों की सजगता और प्रशासन की तत्परता मिलकर मुरादाबाद को एक ट्रैफिक अनुशासित शहर बना सकती है।
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