भारतीय संस्कृति को संजोए रखने के लिए आभार : गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत डरबन में चौथी जी-20 सांस्कृतिक बैठक में शामिल हुए। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात कर भारतीय संस्कृति को संजोए रखने के लिए आभार जताया और कहा कि संगीत और संस्कृति विश्व को जोड़ने की शक्ति है।
डरबन में भारतीय समुदाय के साथ रात्रिभोज में शामिल हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री

डरबन : केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित चौथी जी-20 सांस्कृतिक कार्य समूह बैठक (G-20 Culture Working Group Meeting) में भाग लेने पहुंचे हैं।
इस अवसर पर वे भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ आयोजित विशेष रात्रिभोज कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसकी मेजबानी भारत के कॉन्सुल जनरल नितिन येओला ने की।
भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ सौहार्दपूर्ण मुलाकात :

रात्रिभोज में क्वाजुलू-नटाल प्रांत के प्रीमियर थामीन्तुली, दक्षिण अफ्रीका सरकार के वन एवं मत्स्य पालन मंत्री नरेंद्र सिंह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पौत्री इला गांधी, तथा भारतीय मूल के अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सभी अतिथियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का साझा सूत्र भी है।
भारतीय संस्कृति को सहेजने वालों के प्रति आभार :
शेखावत ने प्रवासी भारतीय समुदाय की सराहना करते हुए कहा —
“मैं दक्षिण अफ्रीका में भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सहेज कर रखने वाले प्रत्येक प्रवासी भाई-बहन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आप सभी ने भारत की आत्मा को जीवित रखा है, यही हमारी सांस्कृतिक शक्ति का आधार है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ें गहराई तक फैली हुई हैं, जो वसुधैव कुटुंबकम् के सिद्धांत को विश्व पटल पर उजागर करती हैं।
संगीत से सजी सांस्कृतिक संध्या :
रात्रिभोज के दौरान भारतीय मूल के कलाकार जोवानी नायडू और केरोलिन गोविंदर ने तमिल और हिंदी गीतों की शानदार प्रस्तुति दी, जिसने कार्यक्रम का माहौल भावनात्मक और उत्साहपूर्ण बना दिया।
शेखावत ने कहा —
“यह एक हृदयस्पर्शी पहल थी, जिसने भारत और दक्षिण अफ्रीका के साझा सांस्कृतिक संबंधों की सुंदर झलक प्रस्तुत की। संगीत सीमाओं से परे जाकर दिलों को जोड़ता है और भारतीयता की भावना को विश्वभर में जीवंत रखता है।”
विश्व सांस्कृतिक संवाद में भारत की भूमिका :
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने संस्कृति को केवल परंपरा नहीं, बल्कि वैश्विक संवाद और सहयोग का माध्यम बनाया है।
उन्होंने कहा —
“भारत अब ‘संस्कृति की शक्ति’ को विश्व के सामने एक सेतु के रूप में प्रस्तुत कर रहा है, जिससे विभिन्न सभ्यताओं के बीच समझ, सहयोग और सद्भाव को बल मिल रहा है।”
जी-20 सांस्कृतिक कार्य समूह की बैठक में भारत की सहभागिता :
चौथी जी-20 सांस्कृतिक कार्य समूह बैठक में भारत संस्कृति, पर्यटन, विरासत संरक्षण और डिजिटल सांस्कृतिक साझेदारी जैसे विषयों पर अपनी दृष्टि साझा करेगा।
शेखावत ने कहा कि भारत इस बैठक में ‘Culture for Peace and Prosperity’ के सिद्धांत को आगे बढ़ाने पर जोर देगा, जो भारत की प्राचीन सोच “सर्वे भवन्तु सुखिनः” से प्रेरित है।
संवाद का संदेश – संस्कृति बने विश्व एकता का माध्यम :
शेखावत ने कहा कि भारत का प्रयास है कि संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और स्थायी विकास के लिए आधार बनाया जाए।
उन्होंने कहा —
“भारत की सांस्कृतिक पहचान केवल कला, भाषा या संगीत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जीवन-दर्शन है जो सबको जोड़ता है, प्रेरित करता है और विश्व को एक परिवार के रूप में देखता है।”
साझा सांस्कृतिक विरासत – भारत और दक्षिण अफ्रीका :
शेखावत ने याद दिलाया कि दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच महात्मा गांधी की विरासत साझा है। गांधीजी ने डरबन में ही सत्याग्रह की शुरुआत की थी, जो बाद में भारत के स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा बनी।
उन्होंने कहा —
“यह धरती हमारे लिए प्रेरणास्थल है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के रिश्ते केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि हृदय के रिश्ते हैं।”
संस्कृति ही कूटनीति का सशक्त आधार :
कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति विश्व शांति, समरसता और विकास की दिशा में सेतु का कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि “यह भारत का सौभाग्य है कि उसकी संस्कृति विश्व के हर कोने में सम्मानित हो रही है, और प्रवासी भारतीय इसमें एक जीवंत कड़ी बने हुए हैं।”
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