कलैक्ट्रेट सभागार में संत कबीर हथकरघा पुरस्कार योजना समिति की बैठक आयोजित

मुरादाबाद में संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के तहत क्षेत्रीय बैठक आयोजित हुई। 30 उत्कृष्ट हथकरघा नमूनों का प्रदर्शन हुआ। नाजरा खातून ने प्रथम, खुशमुदा ने द्वितीय और गुलशन बेगम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चयनित नमूने राज्य स्तर पर पुरस्कार प्रतियोगिता में भेजे जाएंगे।
मुरादाबाद में संत कबीर हथकरघा पुरस्कार योजना समिति की बैठक कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित
मुरादाबाद :
मुरादाबाद कलैक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को परिक्षेत्र स्तरीय संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के तहत बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्थानीय हथकरघा बुनकरों ने अपने उत्कृष्ट नमूनों का प्रदर्शन किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर चयन प्रक्रिया को सुनिश्चित करना और राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए योग्य नमूनों का चयन करना था।
क्षेत्रीय प्रदर्शन में बुनकरों ने दिखाई उत्कृष्ट प्रतिभा :
बैठक में हथकरघा बुनकरों ने तौलिया, दरी, पायदान, कवर, और लिहाफ सहित कुल 30 उत्कृष्ट नमूनों का प्रदर्शन किया। इन नमूनों को जिलाधिकारी अनुज सिंह और चयन समिति के अन्य सदस्यों द्वारा तकनीकी और कलात्मक दृष्टि से आंका गया।
प्रदर्शन में बुनकरों की पारंपरिक तकनीक और आधुनिक डिज़ाइन का संगम देखने को मिला। हर नमूना स्थानीय संस्कृति और हथकरघा उद्योग की विशिष्ट पहचान को दर्शाता था।
चयन प्रक्रिया और पुरस्कार निर्धारण :
संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के तहत मुरादाबाद परिक्षेत्र स्तर पर चयनित सैंपलों को राज्य स्तर की प्रतियोगिता में भेजा जाएगा। चयन समिति के अनुसार, प्रदर्शन किए गए नमूनों को गुणवत्ता, डिज़ाइन, उपयोगिता और नवाचार के आधार पर अंक दिए गए।
इस वर्ष प्रथम स्थान भोजपुर के मोहल्ला मनिहारान निवासी नाजरा खातून पत्नी मोहम्मद फारूक को मिला। द्वितीय स्थान बिजनौर जिले के शिवाला कलां निवासी खुशमुदा पत्नी जलालुद्दीन और तृतीय स्थान रामपुर जिले के टांडा निवासी गुलशन बेगम पत्नी मोहम्मद इरफान को प्राप्त हुआ।
चयनित नमूनों को उत्तर प्रदेश हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग निदेशालय, कानपुर को भेजा जाएगा, जहां वे राज्य स्तर पर पुरस्कार प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी और प्रतिनिधि :

बैठक में जिलाधिकारी अनुज सिंह, बुनकर प्रतिनिधि गुलाम नबी अंसारी, डायरेक्टर शराफत अंसारी और चयन समिति के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बुनकरों की मेहनत और कलात्मक योगदान की सराहना की और कहा कि यह पहल स्थानीय हथकरघा उद्योग को नई पहचान देगी।
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने कहा, “हथकरघा उद्योग मुरादाबाद की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान का अहम हिस्सा है। इस प्रकार की बैठकें बुनकरों को प्रोत्साहित करती हैं और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करती हैं।”
हथकरघा उद्योग में राज्य का महत्व :

उत्तर प्रदेश में हथकरघा उद्योग रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है। यह पारंपरिक बुनाई के माध्यम से स्थानीय बुनकरों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है। संत कबीर हथकरघा पुरस्कार योजना के माध्यम से उत्कृष्ट बुनकरों को सम्मानित किया जाता है, जिससे उनकी मेहनत और कला को मान्यता मिलती है।
पिछले वर्षों में मुरादाबाद से कई बुनकर राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीत चुके हैं। इस वर्ष भी चयनित बुनकरों की प्रतिभा पूरे राज्य में सराहनीय मानी जाएगी।
भविष्य की पहल और योजना :
जिलाधिकारी ने बैठक में यह भी बताया कि भविष्य में बुनकरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम और मार्केटिंग सहायता बढ़ाई जाएगी। इससे बुनकरों के उत्पादों की गुणवत्ता और बिक्री में वृद्धि होगी। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के चयनित नमूनों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भेजने की योजना भी है।
इस बैठक ने यह स्पष्ट किया कि मुरादाबाद हथकरघा उद्योग के लिए लगातार प्रयास और सुधार किए जा रहे हैं। योजना के तहत बुनकरों को सम्मान और प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उनके उत्पादों की गुणवत्ता और डिज़ाइन में निखार लाने का प्रयास किया जा रहा है।
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