मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरदार @150 यमुना प्रवाह यात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरदार@150 यूनिटी मार्च के तहत यमुना प्रवाह यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने सरदार पटेल के जीवन और योगदान को याद करते हुए युवाओं से राष्ट्र प्रथम को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया। समारोह में सांसद, विधायक और आमजन की बड़ी संख्या उपस्थित रही।
मुख्यमंत्री ने सरदार@150 यमुना प्रवाह यात्रा को हरी झंडी दिखाई :

जयपुर : मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सरदार@150 यूनिटी मार्च के तहत यमुना प्रवाह यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शी सोच, दृढ़ इच्छाशक्ति और साहसिक निर्णयों से भारत को एकजुट किया और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
युवा पीढ़ी के लिए संदेश: राष्ट्र प्रथम की भावना अपनाएं :
मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के जीवन और आदर्शों से प्रेरणा लेकर ‘राष्ट्र प्रथम’ को सर्वोपरि रखें। श्री शर्मा ने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र की रीढ़ होती है और इस तरह की जागरूकता उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने सभी को संविधान दिवस की शुभकामनाएं भी दी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका बनाया संविधान ही भारत को आज मजबूत और विकसित राष्ट्र बना रहा है।
यमुना प्रवाह यात्रा का उद्देश्य और महत्व :
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस यात्रा के तहत राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के युवा जयपुर से सरदार पटेल की जन्मभूमि कमरसद तक यात्रा करेंगे। यह यात्रा युवाओं के लिए सरदार पटेल के जीवन, संघर्ष और देशभक्ति को करीब से जानने का अवसर है। यात्रा युवाओं को संघर्ष, साहस, कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति के मूल्य समझाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सरदार पटेल: सिद्धांतों और दृढ़ निश्चय के प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल का स्वतंत्रता आंदोलन में अमूल्य योगदान रहा। बारडोली सत्याग्रह में उनकी प्रभावशाली भूमिका के कारण उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि मिली। स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने किसानों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना सिखाया और जेल भी गए, लेकिन उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया।
562 रियासतों का एकीकरण: कूटनीति और दूरदर्शिता का उदाहरण
15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, लेकिन देश विभाजन के दर्द से भी गुज़र रहा था। उस समय देश की 562 रियासतें स्वतंत्र इकाई थीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरदार पटेल ने अपनी कूटनीति और दूरदर्शिता के बल पर प्रत्येक रियासत को भारत में मिलाया। उन्होंने ऑपरेशन पोलो के माध्यम से हैदराबाद को एकीकृत किया और जनमत संग्रह कराकर जूनागढ़ को भारत में शामिल किया।
प्रधानमंत्री ने धारा 370 हटाकर अधूरे सपने को पूरा किया :
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ाया। उन्होंने धारा 370 हटाकर सरदार पटेल के अधूरे सपने को पूरा किया और भारत को एक सूत्र में बांधा। इसके साथ ही देश में गरीब कल्याण, विकास योजनाओं, आतंकवाद और नक्सलवाद का खात्मा सुनिश्चित हुआ।
युवा और सभी नागरिकों के लिए प्रेरणा :

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन युवाओं और सभी भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत है। युवा पीढ़ी उनके जीवन से पाँच प्रमुख सीख ले सकती है:
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कर्तव्यनिष्ठा
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ईमानदारी और सत्यनिष्ठा
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दृढ़ संकल्प
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एकता
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सादगी
मुख्यमंत्री ने युवाओं से आग्रह किया कि वे इन आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
यात्रा का कार्यक्रम और स्वागत समारोह :
मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को नमन किया। इसके बाद यमुना प्रवाह यात्रा को हरी झंडी दिखाई गई। यात्रा में सांसद श्री मदन राठौड़, श्रीमती मंजू शर्मा, विधायक श्री कालीचरण सराफ, श्री जितेन्द्र गोठवाल, श्री गोपाल शर्मा, श्री बालमुकुन्दाचार्य सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।
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