Weather Update: राजस्थान में बारिश का कहर: बाढ़ जैसे हालात, 12 की मौत, कई लापता
राजस्थान में सोमवार को भारी बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए। कोटा, चित्तौड़गढ़, टोंक, पाली समेत कई जिलों में 7 इंच तक पानी बरसा।

बारिश के बीच डूबने, बिजली गिरने, बिल्डिंग गिरने और करंट लगने से चित्तौड़गढ़ में 4, प्रतापगढ़ में 3, चूरू में 2, कोटा में 1, भरतपुर में 1 और पाली में 1 यानि कुल 12 मौतें हुई है। वहीं कोटा में चंबल नदी में 7 लोग बह गए। इनमें से 1 को बचा लिया, जबकि 6 लापता हैं।
सीकर जिले में विधायक के घर में पानी भर गया। अजमेर के केकड़ी में तालाब में डूबने से 12 वर्षीय बालक की मौत हो गई। बांसवाड़ा जिले में मां-बेटे की नदी में डूबने से जान चली गई। सवाई माधोपुर के बंधा गांव में पूर्व सरपंच कमल प्रसाद मीणा नहर पार करते समय गिर गए और डूबकर उनकी भी मौत हो गई। श्रीगंगानगर के श्रीविजयनगर में तेज बारिश और बिजली गिरने से दो मकान ढह गए। मलबे में दबकर पांच साल की बच्ची की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए।
पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात चित्तौड़गढ़ जिले के भैंसरोडगढ़ में 174MM दर्ज हुई। भीलवाड़ा के बिजौलिया में 172MM, टोंक के दूनी में 146MM, निवाई 104MM, उदयपुर के सायरा में 94MM, ऋषभदेव में 67MM, गंगानगर के मुकलावा में 97MM बारिश हुई।
इसके अलावा, अनूपगढ़ में 77MM, मिर्जेवाला में 75MM, राजसमंद शहर में 86MM, पाली में 76MM, नागौर के डेगाना में 85MM, कोटा के मंडाना में 111MM पानी बरसा। इनके अलावा अजमेर, बालोतरा, बूंदी, भरतपुर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, सीकर जिलों के कई इलाकों में 1 से 2 इंच तक पानी बरसा।
तेज बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में नदियों-नालों में पानी की आवक बढ़ गई है। जिससे कई मार्ग बाधित हो चुके हैं। प्रशासन ने अलर्ट मोड पर रहकर एसडीआरएफ और अन्य राहत दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। जलभराव, मकानों को नुकसान और बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। जिससे सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता और बढ़ गई है।