Srinivas Mukkamala: MIT ने चुना पहला भारतीय-अमेरिकी प्रोवोस्ट: अनंत चंद्रकसन बने नए प्रमुख
प्रोफेसर अनंत चंद्रकसन को MIT का नया प्रोवोस्ट नियुक्त किया गया है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय-अमेरिकन को यह पद मिला है। भारत के तमिलनाडु में जन्मे चंद्रकसन MIT में चीफ इनोवेशन एंड स्ट्रैटेजी ऑफिसर और डीन ऑफ इंजीनियरिंग हैं। 1 जुलाई से वो MIT को प्रोवोस्ट का पदभार ग्रहण करेंगे।

अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने एक नया इतिहास रचते हुए प्रोफेसर अनंथा चंद्रकासन को अपना नया प्रोवोस्ट नियुक्त किया है। वह इस पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। चेन्नई में जन्मे प्रो. चंद्रकासन फिलहाल MIT के डीन ऑफ इंजीनियरिंग और चीफ इनोवेशन एंड स्ट्रैटेजी ऑफिसर हैं। वे 1 जुलाई 2025 से अपनी नई जिम्मेदारियां संभालेंगे।
MIT में प्रोवोस्ट की भूमिका क्या होती है?
MIT प्रोवोस्ट संस्थान का मुख्य अकादमिक और बजट अधिकारी होता है। यह पद शैक्षणिक नीतियों, फैकल्टी नियुक्तियों, संस्थान की रणनीति और शैक्षणिक इकाइयों के समन्वय में अहम भूमिका निभाता है। इस पद को MIT की रीढ़ कहा जाता है।
1994 में MIT जॉइन किया
1994 में अनंत चंद्रकसन ने MIT का डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस (EECS) जॉइन किया। 2006 से 2011 के बीच वो MIT की माइक्रोसिस्टम्स टेक्नोलॉजी लैबोरेटरीज के डायरेक्टर रहे और इसके बाद 2011 से 2017 तक डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस (EECS) हेड बनाए गए।
EECS का हेड रहते हुए चंद्रकसन ने सुपर UROP नाम से रिसर्च प्रोग्राम शुरू किया। यह रिसर्च करने वाले स्टूडेंट्स के लिए पूरे साल चलने वाला प्रोग्राम है।