Big action against immigrants in America: अमेरिका में 5 लाख से ज्यादा लोगों की कानूनी सुरक्षा खत्म: 24 अप्रैल से लागू होगा फैसला
वॉशिंगटन अमेरिकी प्रशासन ने 5 लाख से ज्यादा लोगों की कानूनी सुरक्षा समाप्त करने का ऐलान किया है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अनुसार, क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के 5,32,000 नागरिकों का कानूनी दर्जा 24 अप्रैल 2025 से खत्म हो जाएगा।

यह फैसला उन लोगों पर लागू होगा जो अक्टूबर 2022 के बाद अमेरिका आए थे। ये सभी लोग ह्यूमैनिटेरियन पैरोल प्रोग्राम के तहत अमेरिका आए थे। यह कानूनी तरीका लंबे समय से उन लोगों को अस्थायी रूप से अमेरिका में रहने की इजाजत देता था, जिनके देशों में युद्ध या राजनीतिक अस्थिरता थी।
ट्रम्प ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पहले ही दिन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर ह्यूमैनिटेरियन पैरोल प्रोग्राम को खत्म कर दिया था। उनका मानना था कि इसका गलत इस्तेमाल हो रहा था। तुर्किये के इस्तांबुल स्थित इराकी महावाणिज्य दूतावास पर अज्ञात बंदूकधारियों ने शुक्रवार शाम गोलीबारी की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बंदूकधारियों ने 8 गोलियां दागीं जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
तुर्किये में इराकी वाणिज्य दूतावास पर हमला, 8 गोलियां दागी गईं
इस्तांबुल। तुर्किये के इस्तांबुल स्थित इराकी महावाणिज्य दूतावास पर शुक्रवार शाम अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। तुर्किये विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओन्कू केसेली ने बताया कि बंदूकधारियों ने दूतावास पर 8 गोलियां दागीं, हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी यूनिट्स इस घटना की जांच कर रही हैं और दोषियों को पकड़ने में जुटी हैं। इराकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि हमले में AK-47 राइफल का इस्तेमाल हुआ था। हमले का मकसद अभी तक पता नहीं चल सका है, लेकिन जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।
भारत सरकार ने अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी की है। सरकार ने कहा है कि छात्र अमेरिकी कानूनों का पालन करें। अमेरिका में एक भारतीय छात्र बदर खान सूरी की गिरफ्तारी और स्टूडेंट रंजिनी श्रीनिवासन के खुद को कनाडा डिपोर्ट करने के बाद सरकार ने ये गाइडलाइन जारी की है बदर खान पर हमास का प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगा था, जबकि रंजिनी के फिलिस्तीन समर्थक रैली में शामिल होने के चलते वीजा रद किया गया था।भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि दोनों ही छात्रों ने मुश्किल समय में अमेरिका में भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया था। सरकार ने छात्रों से किसी भी समस्या या संकट की स्थिति में तुरंत भारतीय दूतावास से संपर्क करने की अपील की है।