Resident Doctors’ Association: रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की एसोसिएशन का यू-टर्न : रेजिडेंट्स नेके वीडियो के लिए मांगी माफी
हड़ताल के दौरान सीनियर फेकल्टी मेंम्बर्स पर लाखों रुपए का वेतन उठाकर 3 घंटे भी काम नहीं करने के बयान पर अब रेजिडेंट्स डॉक्टर्स प्रतिनिधियों ने यू-टर्न लिया है। रेजिडेंट्स ने अपनी गलती मानते हुए कहा- आंदोलन के उत्साह में उन्होंने कुछ अनुचित बातें कही थीं। जो सही नहीं थीं। वहीं फैकल्टी मेंबर्स ने भी नाराजगी जताई है।
दरअसल कल देर शाम रेजीडेंट्स डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों का एक वीडियो सामने आया। जिसमें वे खुले मंच से कुछ फैकल्टी मेंबर्स के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया। कि कुछ वरिष्ठ डॉक्टर जो 3-4 लाख रुपए की सैलरी लेते हैं, वे 3 घंटे भी हॉस्पिटल नहीं आते हैं। रेजिडेंट्स का कहना था कि ये डॉक्टर अस्पताल में कम समय बिताते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को रेजिडेंट्स पर डालते हैं। जबकि खुद घर पर मरीज देखते हैं। रेजिडेंट्स ने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन के दौरान उनका उद्देश्य अपने मेडिकल शिक्षकों का अपमान करना नहीं था। वीडियो में व्यक्त की गई भावनाएं व्यक्तिगत हैं और इसका समर्थन यूनियन नहीं करती। इसके अलावा कॉलेज के सभी रेजिडेंट्स ने इस तरह के वीडियो के लिए माफी मांगी है। रेजिडेंट्स ने कल ही हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल खत्म की थी।
रेजिडेंट्स का कहना था कि ये डॉक्टर अस्पताल में कम समय बिताते हैं। अपनी जिम्मेदारियों को रेजिडेंट्स पर डालते हैं। जबकि खुद घर पर मरीज देखते हैं।
‘वीडियो यूनियन की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करता’
वीडियो के तेजी से ग्रुपों में शेयर होने के बाद कुछ फैकल्टी मेम्बर्स ने इस पर नाराजगी भी जताई। इस बयान से जार्ड पदाधिकारियों की हुई किरकरी के बाद आज अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों ने एक पत्र जारी कर स्थिति साफ करते हुए कहा- यह वीडियो यूनियन की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करता। हम सभी रेजिडेंट्स अपने फैकल्टी सदस्यों का आदर करते हैं। उनके मार्गदर्शन और सलाह हमारे जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। वीडियो में व्यक्त की गई भावनाएं व्यक्तिगत हैं और इसका समर्थन यूनियन नहीं करती। इसके अलावा कॉलेज के सभी रेजिडेंट्स ने इस तरह के वीडियो के लिए माफी मांगी है।