SIR के दबाव में BLO ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में बयां किया अपना दर्द, परिवार में छाया मातम
भोजपुर थाना क्षेत्र के बहेड़ी ब्राह्मनान गांव में BLO सर्वेश सिंह ने SIR के दबाव में आत्महत्या की। सुसाइड नोट में उन्होंने अधिकारियों और टारगेट के कारण मानसिक तनाव बताया। परिवार में मातम छाया है, चार बेटियों की भविष्य की अनिश्चितता और आर्थिक चिंता गहरी है।
SIR दबाव में BLO सर्वेश सिंह ने की आत्महत्या, परिवार में मातम
मुरादाबाद :
जाहिदपुर सीकमपुर कंपोजिट स्कूल में सहायक अध्यापक और BLO (Booth Level Officer) रहे सर्वेश सिंह पुत्र स्व. राजेंद्र सिंह का शव उनके घर पर मिला। प्राथमिक जानकारी और उनके छोड़े सुसाइड नोट के आधार पर यह स्पष्ट हो रहा है कि वे लंबे समय से मानसिक और शारीरिक दबाव में थे।

परिवार और गांव में गहरा शोक

मृतक की पत्नी बबली और चार बेटियां— तनिष्का (11), माही (8), नाईयू (5), रूही (2)—मौके पर गहरे सदमे में हैं।
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घर में मातम पसरा हुआ है।
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चारों बेटियों की भविष्य की अनिश्चितता और परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियों को लेकर परिवार और गांव वाले रो रहे हैं।
गांव और आस-पास के लोग घटना की गंभीरता से दुखी हैं और प्रशासन से न्याय और सहानुभूति की अपील कर रहे हैं।
सर्वेश सिंह की सरकारी ड्यूटी और दबाव

परिवार ने बताया कि सर्वेश सिंह कई वर्षों से शिक्षा और सर्वे जैसी सरकारी ड्यूटी निभा रहे थे।
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हाल में दिए जा रहे अतिरिक्त कामों ने उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को और बिगाड़ दिया।
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BLO के रूप में उनकी जिम्मेदारियां बढ़ रही थीं, जिसमें SIR जैसे संवेदनशील और समयबद्ध कार्य शामिल थे।
परिवार का कहना है कि लंबे समय तक उच्च दबाव में काम करने के कारण उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ और वे तनाव का सामना नहीं कर पाए।
लगातार टारगेट और अधिकारियों के दबाव के कारण वे गहरे तनाव में थे। नोट में उन्होंने लिखा रात-दिन काम करता रहा, फिर भी SIR का टारगेट नहीं कर पा रहा हूं। रात बहुत मुश्किल और चिंता में कटती है। सिर्फ 2-3 घंटे ही सो पा रहा हूं। चार बेटियां हैं, दो की तबीयत ठीक नहीं है। मुझे क्षमा करें, जिससे स्पष्ट होता है कि शिक्षक लंबे समय से मानसिक व शारीरिक थकान झेल रहे थे।
शिक्षा विभाग और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हालांकि अभी तक शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
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घटना ने प्रशासन और शिक्षा विभाग दोनों को झकझोर कर रख दिया है।
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अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे मामले की गहन जांच करेंगे और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करेंगे।
SIR दबाव: क्या यह पहली घटना है?
SIR (Special Identification Revision) जैसे सरकारी सर्वे कार्य में कर्मचारियों पर अक्सर टारगेट आधारित दबाव रहता है।
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यह घटना बताती है कि सरकारी कर्मचारियों की मानसिक स्वास्थ्य और ड्यूटी के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक अत्यधिक दबाव और अनिश्चितता मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
परिवार और गांव के सदस्यों की प्रतिक्रिया
गांव और परिवार के लोग इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही और अत्यधिक ड्यूटी दबाव से जोड़कर देख रहे हैं।
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परिवार ने कहा कि सर्वेश सिंह हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहे।
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उन्हें यह विश्वास था कि अपने कर्तव्यों को पूरा करना ही उनका प्राथमिक उद्देश्य है।
लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ते दबाव और टारगेट ने उनके लिए असहनीय मानसिक स्थिति पैदा कर दी।
मानसिक स्वास्थ्य और सरकारी ड्यूटी में संतुलन की आवश्यकता
सर्वेश सिंह की आत्महत्या ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।
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अत्यधिक टारगेट और दबाव कर्मचारी के जीवन और परिवार पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।
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प्रशासन और शिक्षा विभाग को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तत्काल उपाय करने होंगे।
इस दुखद घटना ने यह संदेश दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य का महत्व, सरकारी ड्यूटी के दबाव के बावजूद हमेशा सर्वोपरि होना चाहिए।
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