Jodhpur Woman Eat Hair: जोधपुर से आया अजब गजब मामला : महिला के पेट से निकाले गए 3 किलो बाल
राजस्थान के जोधपुर से एक अजब गजब मामला सामने आया है जहा लोगो को अक्सर कुछ न कुछ खाने की आदत होती है चाइए वो कुछ मीठा हो या कुछ नमकीन लेकिन इन सब को छोड़ कर जोधपुर में एक महिला का एक अजीब से शौक के चलते महिला के पेट से 3 किलो बाल निकाले गए है। क्यों की महिला को बाल खाने की आदत थी। पढ़िए पूरा मामला ………
जोधपुर के एक निजी अस्पताल में एक 28 वर्षीय महिला का दुर्लभ और जटिल ऑपरेशन किया गया है। इस ऑपरेशान से पहले महिला पिछले तीन वर्षों से पेट दर्द, उल्टी, भूख न लगना और पेट में भारीपन की शिकायत से परेशान थी। लंबे समय तक डॉक्टरों की जांच के बाद भी सही बीमारी का पता नहीं चल सका था। अंत में एंडोस्कोपी जांच के दौरान महिला के पेट में एक बड़ा बालों का गुच्छा पाया गया।
महिला की जांच करने वाले डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया
महिला मरीज की मेडिकल हिस्ट्री लेने के दौरान पता चला कि महिला को बाल खाने की आदत है। जिसे “ट्राइकोफैगिया” कहा जाता है। इस आदत के कारण उसके पेट में बालों का एक बड़ा गुच्छा बन गया था। जिसकी वजह से उसका आमाशय पूरी तरह से बालों से भर गया था। इससे महिला को भूख नहीं लग रही थी। और जो भी खाती वह उल्टी द्वारा बाहर आ जाता था। इस स्थिति ने उसके वजन को भी काफी हद तक कम कर दिया था।
डॉक्टरों की टीम सर्जरी को सफलतापूर्वक दिया अंजाम
ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि बालों का यह गुच्छा सिर्फ आमाशय ही नहीं बल्कि छोटी आंत के शुरुआती भाग डुओडेनम तक भी फैल चुका था। जिससे पूरा ब्लॉक हो गया था। बालों के इस गुच्छे का आकार 15x10x8 इंच से भी अधिक था। और इसका वजन लगभग 3 किलो था।
महिला ने बताया
महिला ने बताया कि उसे बाल खाने की आदत है। जिस के चलते महिला अपने सर के सारे बाल खा गयी है। और अब उसके सर में भी बाल कम हैं। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि यह ऑपरेशन जटिल था। बालों का गुच्छा इतना ज्यादा और फैला हुआ था। कि आमाशय के ऊपर कई जगहों पर चीरे लगाए गए। बालों ने अमाशय और छोटी आंत के अग्रिम भाग को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था।
क्या है ट्राईकोफेजीय बीमारी
ट्राईकोफेजीय नाम की बीमारी से ग्रसित लोगों को बाल खाने की आदत होती है। ऐसे में मरीज बार-बार बाल खाता है। मनुष्य के अंदर बालों को पचाने की क्षमता नहीं होती। वह बाल पेट के अंदर आमाशय में एकत्रित होते रहते हैं। जिसे बालों का गुच्छा बन जाता है। सामान्यतः 15 वर्ष से 25 वर्ष की उम्र की महिलाओं में और मानसिक रूप से कमजोर बीमार व असामान्य व्यवहार करने वाले महिलाओं में पाई जाती है।
महिला का इलाज निशुल्क किया गया
इलाज के बाद महिला की मेडिकल स्थिति सामान्य बताई जा रही है। इसके साथ ही महिला की मानसिक स्थिति भी सामान्य है। मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के तहत महिला का इलाज निशुल्क किया गया है। डॉक्टर के अनुसार अब महिला को किसी तरह की समस्या नहीं है। और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।