Mathura’s Daughter Defeated: ट्रेन की इमरजेंसी विंडो से बाहर गिरी बच्ची: 8 साल की इस मासूम ने मौत को दी मात
जाको राखे साइयां, मार सके न कोय… यह कहावत मथुरा के वृंदावन में रहने वाली एक 8 लड़की पर सटीक बैठती है। 8 साल की इस मासूम ने मौत को मात देकर अपना जीवन बचाया। सफर करते समय बच्ची ट्रेन की इमरजेंसी विंडो से नीचे गिर गई।
क्या बताया गौरी ने
बच्ची का नाम गौरी है। उसने बताया- मैं ट्रेन की खिड़की के पास बैठी थी। भाई के साथ खेल रही थी। ट्रेन की खिड़की खुली थी। अचानक मोड़ आया और तेज हवा के कारण खिड़की से बाहर गिर गई। मेरे पैर में चोट थी। इस कारण खड़ी नहीं हो सकी। झाड़ी में करीब 2 घंटे तक पड़ी रोती रही। अंधेरा होने से डर लग रहा था।
बेटी को सकुशल वापस पाकर परिवार में खुशी है। मां अंजली उस पल को याद कर रो पड़ीं। माता-पिता ने कहा- नवरात्रि में देवी मां की कृपा है। चमत्कार हुआ, जिसे कभी नहीं भूल पाएंगे। मेरी बेटी का दूसरा जन्म हुआ है।
16 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर किया तलाश
अरविंद से पूरे मामले की जानकारी मिलने पर GRP ललितपुर थाना प्रभारी ने 16 किलोमीटर के रेल ट्रैक पर गौरी की तलाश के लिए तत्काल 4 टीमें बनाई। इसके बाद जल्द ही रेलवे पुलिस को सफलता हाथ लग गई। जहां जंगल में ट्रेन रोकी गई, उससे 10 किमी दूर बच्ची ट्रैक किनारे झाड़ियों में रोती मिली। गौरी के हाथ-पैर और शरीर पर चोट के निशान थे।
गौरी को सकुशल बरामद करने के बाद रेलवे पुलिस कर्मियों ने वहां से गुजर रही एक मालगाड़ी रोकी। फोर्स, गौरी और उसके परिवार के लोग मालगाड़ी में सवार होकर ललितपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। गौरी को स्टेशन पर डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज दिया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां बच्ची के पैर में प्लास्टर चढ़ाया। शनिवार तड़के उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया। अगले दिन डिस्चार्ज होकर रविवार शाम वह घर पहुंच गई।