Haryana Exit Poll Result 2024: हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी: कांग्रेस को इतना बड़ा समर्थन मिला कैसे ? राहुल की लोकप्रियता बीजेपी पर बड़ी भारी
Haryana Exit Poll Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को लैंडस्लाइड विक्ट्री मिलती दिख रही है. पर वहीं बीजेपी के वोट परसेंटेज में कमी होती हुई नहीं दिख रही है सवाल यह है की जब बीजेपी के वोट कटे नहीं तो कांग्रेस को इतना बड़ा समर्थन मिला कैसे? इसके पीछे कौन सी शक्तियां काम कर रही थी ?
हरियाणा विधानसभा की वोटिंग कल सम्पन हो चुके है सी वोटर के एग्जिट पोल में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस को 50 से 58 सीट और वहीं बीजेपी को 20 से 28 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। जैसा कि सी वोटर के डायरेक्टर यशवंत देशमुख कहते हैं कि यह भी संभावना है कि कांग्रेस लैंड स्लाइड विक्ट्री की ओर भी बढ़ जाए. मतलब साफ है कि यह भी हो सकता है की
कांग्रेस 90 में से 80 सीट अपने नाम कर ले अब सवाल यह उठता है की कांग्रेस की इतनी बड़ी विजय के पीछे कौन सी शक्तिया काम कर रही है? क्या इस विजय के पीछे हुडा का जाट बेल्ट या हरियाणा की राजनीतिक पर जबरदस्त पकड़ है ? या फिर बीजेपी की केंद्रीय नेतृत्व असफलता है ?
क्या राहुल की लोकप्रियता बीजेपी पर पड़ा भारी ?
अब राहुल गाँधी को अब देश का तबका सुन रहा है आप राहुल गांधी की बातों में लाख नुक्स निकाल सकते हैं पर एक तबका उन्हें ध्यान लगाकर सुन ही नहीं रहा है बल्कि उन पर भरोसा कर रहा है. राहुल गांधी नेजब पिछड़ों को लेकर बोलना शुरू किया तब यही लगता था कि कांग्रेस खुद तो कभी पिछड़ों के लिए कुछ की नहीं अब उनके अधिकार की रोज बातें कर रही है, कौन करेगा उन पर भरोसा? पर हर सभा चौक-चौबारे में उनका पिछड़ा.और दलित दुर्दशा पर बोलना काम करता नजर आ रहा है. हरियाणा में आज तक डिजिटल ने एक ऑटोमोबाइल की दुकान पर मैकेनिक के रूप में काम करने दलित से बात की थी मैकेनिक का कहना था कि हम मोदी को वोट देते रहे हैं पर अब राहुल गांधी के नाम पर कांग्रेस को वोट देंगे. मोदी के मुकाबले उसे राहुल में कई अच्छाइयां नजर आ रही है कांग्रेस का संविधान बचाओ-आरक्षण बचाओ नारा लोकसभा चुनावों में यूपी ही नहीं हरियाणा में भी बीजेपी को डैमेज पहुंचाया था. इस बार हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी इस नारे को झूठा साबित नहीं कर सकी।
हुड्डा और सैलजा ने क्या कहा?
एक्जिट पोल के सामने आने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मैं अभी तक रिटायर नहीं हुआ हूं. कांग्रेस पार्टी ही सरकार बनाएगी. मुख्यमंत्री कौन होगा, यह पार्टी आलाकमान ही तय करेगा. हम हरियाणा में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री (2005 से 2014) रह चुके हैं.
उन्होंने विधानसभा चुनावों और हालिया लोकसभा चुनावों में भी पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया है. वहीं, सैलजा ने कहा कि कांग्रेस मेरे अनुभव और पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा को खारिज नहीं कर सकती. सैलजा कांग्रेस की वफादार सिपाही हैं और हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगी. हर कोई जानता है कि कांग्रेस का सीएम कौन होगा इसका फैसला हमेशा पार्टी आलाकमान करती है।
किस सर्वे में किसको कितनी सीटें
- एक्सिस माय इंडिया- कांग्रेस को 53-65, बीजेपी को 18-28, INLD को 1-5 और अन्य 3-8. वहीं जेजेपी को एक भी सीट नहीं
- सीवोटर का सर्वे- कांग्रेस को 50-58 सीटें, बीजेपी को 20-28, जेजेपी-0, आईएनएलडी-0 और अन्य 10-16
- पीपुल्स पल्स- कांग्रेस को 55 सीटें, बीजेपी को 26, जेजेपी-0-1, आईएनएलडी 2-3 और अन्य 3-5
- रिपब्लिक मैट्रिज– कांग्रेस को 55-62 सीटें, बीजेपी को 18-24, जेजेपी 0-3, आईएनएलडी 3-6 और अन्य 2-5
हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी
एग्जिट पोल के मुताबिक, हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी हो रही है तो वहीं बीजेपी सत्ता से बेदखल होने वाली है. ऐसे में कांग्रेस सीएम फेस भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही होंगे या कोई और… इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं क्योंकि चुनाव से पहले इसको लेकर पार्टी में जबरदस्त खींचतान हुई थी. सिरसा से कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा भी इस रेस में हैं. उन्हें भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है. वह दलित फेस भी हैं.
वहीं, सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि अगर भूपेंद्र हुड्डा सीएम की रेस से बाहर हो जाते हैं, तो उनके बेटे और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा सीएम की कुर्सी के लिए दावेदार हो सकते हैं. इसके अलावा एक और नाम की चर्चा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य कांग्रेस प्रमुख और दलित नेता उदयभान भी सीएम पद के दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं. उदयभान हुड्डा के काफी खास और वफादार भी हैं.
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक में उदयभान ने किसी दलित चेहरे को सीएम बनाने की बात कही थी. इस बैठक में उन्होंने पूछा था कि क्या पार्टी किसी दलित चेहरे को सीएम के रूप में नामित करेगी?
2005 जैसा हो सकता है हाल?
हरियाणा में इस बार मौजूदा स्थिति को 2005 से भी जोड़कर देखा जा रहा है कि कैसे आलाकमान ने ऐन मौके पर अपने फैसले से सबको हैरान कर दिया था. तब पार्टी ने हरियाणा में 67 सीटें जीती थीं और भजनलाल का सीएम बनना तय था. लेकिन, आखिरी वक्त पर सीएम के तौर पर भूपिंदर हुडा का नाम घोषित कर दिया गया था.