हरियालो राजस्थान पर्यावरण कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन इनिशिएटिव पर जोर दिया
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरियालो राजस्थान पर्यावरण कॉन्क्लेव में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, सौर ऊर्जा और क्लीन टेक्नोलॉजी पर सरकार की नीतियों और जनभागीदारी आधारित पहलों का विवरण दिया। उन्होंने आमजन से सतत जीवनशैली अपनाने और राजस्थान को ग्रीन इनोवेशन हब बनाने का आह्वान किया।
हरियालो राजस्थान पर्यावरण कॉन्क्लेव: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया
प्रकृति के प्रति सम्मान हमारी संस्कृति और सरकार की नीतियों का प्रेरणास्रोत
जयपुर :
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति का सम्मान सदियों से सिखाया गया है और राजस्थान सरकार ने इसे अपनी नीतियों और अभियानों का प्रेरणास्रोत बनाया है। उन्होंने आमजन से अपील की कि व्यक्तिगत स्तर पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें और राजस्थान को विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी बनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित हो सके।
श्री शर्मा गुरुवार को जयपुर में आयोजित हरियालो राजस्थान पर्यावरण कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारे देश और प्रदेश की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हमारी परंपरा में नदियों, पर्वतों, वृक्षों, धरती और सूर्य की पूजा जीवन की निरंतरता और प्रकृति के संरक्षण पर निर्भर है। उन्होंने खेजड़ली का बलिदान उदाहरण देते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा उदाहरण है।
वंदे गंगा और कर्मभूमि अभियान: जल संरक्षण में जनभागीदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जल संकट और वायु प्रदूषण जैसी चुनौतियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाया है।
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वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के माध्यम से पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, वर्षा जल संचयन और जलाशयों की स्वच्छता को जनता की भागीदारी से जोड़ा गया।
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कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत प्रवासी राजस्थानियों को जोड़कर 14 हजार से अधिक ग्राउंड वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया गया।
इसके अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित हरियालो राजस्थान अभियान के अंतर्गत दो वर्षों में लगभग 20 करोड़ पौधे लगाए गए हैं।
ग्रीन बजट और क्लीन टेक्नोलॉजी पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन बजट सरकार की जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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क्लाइमेट एक्शन प्लान-2030 के अंतर्गत क्लीन और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है।
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वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए सतत वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र मोबाइल वैन के माध्यम से रियल टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर रहे हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक और सर्कुलर इकोनॉमी पहलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम-2025 लागू की है।
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ई-वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट और बैटरी वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण के लिए अधिकृत इकाइयां संचालित की जा रही हैं।
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सिंगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान और रिवर्स वेंडिंग मशीन के माध्यम से प्लास्टिक संग्रह को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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सरकार का लक्ष्य राजस्थान को ग्रीन इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करना है।
क्लीन और ग्रीन एनर्जी में राजस्थान का अग्रणी कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान 22,860 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के साथ देश में अग्रणी है।
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प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत 2,272 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की जा चुकी है।
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सौर ऊर्जा की इस शक्ति के कारण प्रदेश के 22 जिलों के किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता घट रही है।
पानी, रोजगार और विकास योजनाओं पर भी जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 2 वर्षों में बिजली और पानी की उपलब्धता और महिला, युवा, किसान और मजदूर कल्याण के लिए रोडमैप तैयार किया है।
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रामजल सेतु लिंक परियोजना, यमुना जल समझौता, इंदिरा गांधी नहर, देवास परियोजना, माही बांध, सोम-कमला-अम्बा परियोजनाओं के माध्यम से पानी की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है।
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युवाओं के लिए लगभग 92 हजार नियुक्तियां दी गईं, जबकि 1,53,000 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है।
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राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित, जिनमें से 8 लाख करोड़ रुपये की ग्राउंड ब्रेकिंग हो चुकी है।
सामाजिक भागीदारी और जनजागरूकता पर जोर
संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में पर्यावरण संरक्षण में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं।
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प्रदेश में भूजल स्तर सुधरा है और वन क्षेत्र का विस्तार हुआ है।
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पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कॉन्क्लेव में ‘मेरी लाइफ-सस्टेनेबल लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट पोस्टर’ का विमोचन किया। राज्य सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों को लेकर लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्य उपस्थित अधिकारी और विशेषज्ञ
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री वी. श्रीनिवास, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन श्री आनंद कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरिजीत बनर्जी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल अध्यक्ष श्री आलोक गुप्ता और सदस्य सचिव श्री कपिल चंद्रवाल सहित बड़ी संख्या में पर्यावरणविद्, विशेषज्ञ एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।





