राजस्थान सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित ‘नवाचार दिवस–स्टार्टअप कॉन्क्लेव’ ने प्रदेश में तकनीकी प्रगति, नवाचार और उद्यमिता के नए युग की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक बनकर उभरता दिखाया। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि नवाचार की नींव जिज्ञासा पर आधारित है और तेजी से बदलती दुनिया में यही नवाचार अर्थव्यवस्था और समाज के विकास का वास्तविक इंजन है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे तकनीक और स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे आएं, क्योंकि सरकार हर कदम पर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शर्मा ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि राजस्थान के युवा आज वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में अपनी पहचान बना रहे हैं। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस आयोजन ने प्रदेश की रचनात्मकता, वैज्ञानिक सोच और डिजिटल प्रगति की यात्रा को नई दिशा देने का कार्य किया।
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आईस्टार्ट राजस्थान: स्टार्टअप इकोसिस्टम की मजबूत नींव
राज्य सरकार की आईटी और डिजिटल गवर्नेंस संबंधी पहलों के कारण आज राजस्थान तकनीकी विकास का नया अध्याय लिख रहा है। आईस्टार्ट राजस्थान प्लेटफ़ॉर्म पर 7,200 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं जिनमें 1,000 करोड़ से अधिक का निवेश आ चुका है। इन स्टार्टअप्स ने 42,500 से अधिक रोजगार अवसर उत्पन्न किए हैं, जो प्रदेश की विकास गति को दर्शाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन स्टार्टअप्स में से 2,600 से अधिक का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं, जबकि 288 स्टार्टअप युवा विद्यार्थियों द्वारा संचालित हैं। पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या भी 1.16 लाख से ऊपर पहुंच गई है।
डिजिफेस्ट 2026: वैश्विक नवाचारों का महाकुंभ
सरकार ने तकनीकी और उद्यमिता के विकास को नई ऊर्जा देने के लिए आगामी राजस्थान डिजिफेस्ट 2026 के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। टाई ग्लोबल समिट के सहयोग से आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम भारत के सबसे बड़े नवाचार सम्मेलनों में से एक बनने की क्षमता रखता है। इसमें 10,000 से अधिक प्रतिभागियों, 500 निवेशकों, 300 प्रदर्शकों और 200 वक्ताओं की उपस्थिति अपेक्षित है। यह सम्मेलन युवा नवप्रवर्तकों और स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से जोड़ने, नवीनतम तकनीकी परिवर्तनों से परिचित कराने और वैश्विक मंच पर अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगा।
नीतिगत सुधार और युवाओं के लिए अवसर
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने अनेक नीतिगत सुधार किए हैं। अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलरेटर, एवीजीसी–एक्सआर पॉलिसी तथा लर्न, अर्न एंड प्रोग्रेस (लीप) कार्यक्रम जैसे प्रयास युवाओं को नई तकनीकों में कौशल विकसित करने और रोजगारमूलक अवसर प्राप्त करने में सहयोग देंगे।
राज्य में तीन सेंटर फॉर एडवांस्ड स्किलिंग स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे युवाओं को उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण मिल सकेगा। स्टेट स्किल पॉलिसी के अंतर्गत आगामी दो वर्षों में 1.5 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
रोजगार और निवेश: विकास की मजबूत रफ्तार
सरकार ने अब तक 92,000 युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं और दिसंबर माह में 20,000 और नियुक्तियां तय की गई हैं। निजी क्षेत्र में भी 2.5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध हुआ है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू हस्ताक्षरित हुए, जिनमें से 8 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने लगे हैं।
नवाचारों की खान: राजस्थान का भविष्य उज्ज्वल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश में अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, वेस्ट-टू-एनर्जी, पर्यटन, खनन, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। 24 से अधिक नई नीतियों ने निवेश को सरल बनाया है और राज्य को तेज़ी से उभरते निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया है।
अंत में आयोजित समारोह में 333 चयनित स्टार्टअप्स को 10.79 करोड़ रुपये की फंडिंग वितरित की गई। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि राजस्थान नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति और तकनीकी विकास के युग में आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।

