गोपाष्टमी पर जोराराम कुमावत : गाय का दूध,घी, दही और छाछ स्वास्थ्यवर्धक, गौसेवा से मिलता है जीवन का सुख

गोपाष्टमी पर मंत्री जोराराम कुमावत ने कोटा की लखावा गौशाला में गौमाता का पूजन किया, कहा — गाय का दूध, घी, दही और छाछ स्वास्थ्य के लिए अमृत समान।

पशुपालन मंत्री ने कोटा की लखावा गौशाला में किया गौमाता पूजन, गौशाला संचालकों को दिए निर्देश, कहा — गौसेवा से प्रसन्न होते हैं भगवान श्रीकृष्ण
जयपुर : गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर प्रदेशभर की गोशालाओं में गौमाता का पूजन विधि-विधान से किया गया। इसी क्रम में पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कोटा के झालावाड़ रोड स्थित लखावा गौशाला पहुंचकर गौमाता का पूजन किया और आशीर्वाद लिया।
मंत्री कुमावत ने पूजा के बाद गौमाता को तिलक लगाकर, माला पहनाकर और हरा चारा खिलाकर सेवा की। उन्होंने गौशाला परिसर का निरीक्षण भी किया और संचालकों को स्वच्छता, चारे की उपलब्धता और पशुओं की स्वास्थ्य देखरेख के निर्देश दिए।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में गोभक्त उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं ने रोटी, लड्डू, गुड़ और हरा चारा खिलाकर पुण्य अर्जित किया। कार्यक्रम के दौरान दीप जलाकर गौमाता पर फूलों की वर्षा की गई।
पूजन से पूर्व मंत्री कुमावत ने भगवान श्रीकृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की और सप्तऋषि मंदिर में परिक्रमा लगाई।
गोपाष्टमी का महत्व और गौसेवा का संदेश :

गोपाष्टमी पर्व के महत्व पर बोलते हुए श्री कुमावत ने कहा कि “गौसेवा करने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता। जैसे एक मां अपनी संतान को हर सुख देना चाहती है, वैसे ही गौमाता भी सेवा करने वाले जातकों की हर मनोकामना पूरी करती हैं।”
उन्होंने कहा कि गाय का दूध, घी, दही, छाछ और यहाँ तक कि मूत्र भी स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों से भरपूर है। गोपाष्टमी पर्व हमें यह याद दिलाता है कि हम गौमाता के ऋणी हैं और उनकी सेवा हमारा कर्तव्य है।
कुमावत ने आगे कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी अपनी बाल लीलाओं में गौसेवा कर समाज को यह संदेश दिया था कि गौसेवा से ही सच्चा सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
सरकारी प्रयास और गौशालाओं को सहायता :
मंत्री कुमावत ने कहा कि केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद गौसंरक्षण को नई दिशा मिली है। राजस्थान में वर्तमान में तीन हजार से अधिक गोशालाओं को सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि देसी गाय के गोबर और मूत्र से जीरो बजट खेती संभव है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को लगभग 16 लाख करोड़ रुपये का लाभ हो सकता है। इसके अलावा, देसी गाय आधारित खेती अपनाने से किसान स्वस्थ और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
कुमावत ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी उदाहरण दिया — “सिर्फ 10 ग्राम गाय के घी से बने दीपक से वायुमंडल में एक टन ऑक्सीजन उत्पन्न होती है। यह हमारी संस्कृति की वैज्ञानिकता को प्रमाणित करता है।”
सम्मान समारोह और उपस्थित जनप्रतिनिधि
गौशाला पहुंचने पर मंत्री श्री कुमावत का तिलक, दुपट्टा और फूलमाला से स्वागत किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राकेश जैन, सरस डेयरी कोटा के अध्यक्ष श्री चैन सिंह राठौड़, अंता पंचायत समिति के प्रधान श्री प्रखर कौशल, पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ओमप्रकाश मीणा, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ. जयप्रकाश मीणा, गौशाला समिति के अध्यक्ष डॉ. सचित भोला और व्यवस्थापक श्री लोकेश कुमार सहित अनेक प्रबुद्ध नागरिक और गोभक्त उपस्थित रहे।
समापन विचार
गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर मंत्री जोराराम कुमावत का यह संदेश प्रदेशभर में गौसंरक्षण और सेवा के प्रति जनजागरूकता फैलाने का माध्यम बना। उन्होंने कहा कि गाय केवल धर्म और परंपरा का प्रतीक नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और कृषि अर्थव्यवस्था की आधारशिला है।
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