Share Market Update: सेंसेक्स में 374 अंकों की तेजी, जानें 5 वजहें जिससे बाजार में बढ़त

भारतीय शेयर बाजार बुधवार, 29 अक्टूबर को सकारात्मक रुख में नजर आया, जिससे निवेशकों को राहत मिली। BSE सेंसेक्स सुबह बढ़त के साथ 84,663.68 पर खुला और दिन के दौरान पिछली क्लोजिंग से 373.84 अंकों के उछाल के साथ 85,002.00 तक पहुंच गया। वहीं, NSE निफ्टी भी हरे निशान में 25,982 पर खुला और 138.55 अंकों की तेजी के साथ 26,074.75 के हाई तक गया।
यह तेजी पिछले दिन सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट के बाद निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। मंगलवार को सेंसेक्स 150.68 अंक या 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,628.16 पर और निफ्टी 29.85 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,936.20 पर बंद हुआ था। उस दिन निफ्टी के सेक्टोरल इंडेक्स में PSU बैंक और प्राइवेट बैंक को छोड़कर अधिकांश इंडेक्स लाल निशान में रहे थे।
इस तेजी के पीछे कई कारण काम कर रहे हैं, जो बाजार को हरे निशान में लौटाने में मदद कर रहे हैं। सबसे पहली वजह है भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते की खबर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में APEC CEOs शिखर सम्मेलन के दौरान संकेत दिया कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक व्यापार समझौता होने वाला है। ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की और कहा कि वे उन्हें सबसे अच्छे दिखने वाले और पिता समान नेता मानते हैं। इस सकारात्मक राजनीतिक और आर्थिक संकेत से निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा और बाजार में तेजी आई।

दूसरी महत्वपूर्ण वजह है विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की खरीदारी। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को FII ने शुद्ध रूप से 10,339.80 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विदेशी निवेशकों की सक्रियता बाजार के लिए हमेशा सकारात्मक संकेत होती है, क्योंकि यह न केवल निवेशकों का भरोसा दर्शाती है, बल्कि बाजार में तरलता बढ़ाने और स्टॉक्स के भाव में स्थिरता लाने में भी मदद करती है। इस कारण से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बढ़त देखने को मिली।
तीसरी वजह है अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225 और चीन का SSE कम्पोजिट बढ़त में रहे। वहीं, अमेरिकी बाजार मंगलवार को सकारात्मक नोट पर बंद हुए थे। वैश्विक बाजारों की यह स्थिति भारतीय बाजार पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है, क्योंकि निवेशक वैश्विक आर्थिक संकेतों को देखते हुए भारतीय स्टॉक्स में निवेश करना पसंद करते हैं।
चौथी वजह कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट है। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.35 डॉलर प्रति बैरल पर था। भारत बड़ी मात्रा में तेल का आयात करता है, इसलिए तेल की कीमतों में गिरावट घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल मानी जाती है। इससे महंगाई पर दबाव कम होता है और कंपनियों के उत्पादन लागत में कमी आती है, जो अंततः शेयर बाजार पर सकारात्मक असर डालती है।
पांचवीं वजह सरकारी नीतियों और आर्थिक सुधारों से जुड़ी है। हाल के समय में भारत सरकार ने आर्थिक सुधारों और निवेश को बढ़ावा देने वाले कदम उठाए हैं। इनमें बुनियादी ढांचे में निवेश, स्टार्टअप्स और विनिर्माण क्षेत्र में प्रोत्साहन, तथा व्यापारिक माहौल को सुधारने के प्रयास शामिल हैं। इन कदमों से निवेशकों का विश्वास बढ़ा और बाजार में सुधार का माहौल बना।
इन सभी कारणों के कारण सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने बुधवार को मजबूत बढ़त दिखाई। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियां स्थिर बनी रहती हैं, तो बाजार में यह तेजी अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकती है। निवेशकों को भी सलाह दी जा रही है कि वे संयम के साथ लंबी अवधि के लिए निवेश की योजना बनाएं और बाजार की अस्थिरताओं से घबराएं नहीं।

इस प्रकार, भारत के शेयर बाजार में बुधवार की तेजी एक मिश्रित कारणों से प्रेरित है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिरता, विदेशी निवेशकों की सक्रियता, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और संभावित व्यापार समझौते जैसी सकारात्मक खबरें शामिल हैं।

