Rajasthan News: आभानेरी फेस्टिवल में झलकी राजस्थान की लोक-परंपरा और विरासत: उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी रहीं मुख्य आकर्षण
राजस्थान पर्यटन विभाग, दौसा जिला प्रशासन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आभानेरी फेस्टिवल का दो दिवसीय आयोजन शनिवार को सम्पन्न हुआ। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित इस फेस्टिवल का उद्देश्य हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देना रहा।

दौसा राजस्थान पर्यटन विभाग, दौसा जिला प्रशासन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय आभानेरी फेस्टिवल का समापन शनिवार को सांस्कृतिक रंगों और ऐतिहासिक विरासत के साथ हुआ। यह आयोजन विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विरासत पर्यटन (Heritage Tourism) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी का आगमन बना उत्सव की शोभा
आभानेरी उत्सव के मुख्य आकर्षण उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी रहीं, जिनके पहुंचने पर ग्रामवासियों में उत्साह की लहर दौड़ गई। मंच पर उनके स्वागत में पद्मश्री गायक अनवर खां मांगणियार ने “आभानेरी री धरती में भला पधारया रे…” गीत की प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को भावुकता और गर्व से भर दिया।
चांद बावड़ी और हर्षद माता मंदिर का किया दर्शन
दिया कुमारी ने सबसे पहले विश्व प्रसिद्ध चांद बावड़ी का दौरा किया, जिसे दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी माना जाता है। इसके बाद उन्होंने पास ही स्थित हर्षद माता मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने लोक कलाकार अनवर खां मांगणियार और उनके दल से मुलाकात कर उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।

पर्यटकों में दिखा राजस्थान की संस्कृति के प्रति उत्साह
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि वर्ष 2025 की अगस्त तक आभानेरी में 58,022 घरेलू और 51,524 विदेशी पर्यटक पधार चुके हैं। यह स्थल देशी-विदेशी सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण बनता जा रहा है।
फेस्टिवल के दौरान कच्छी घोड़ी, बहरूपिया, कठपुतली, और राजस्थानी लोक नृत्य जैसे कार्यक्रमों ने सैलानियों को मंत्रमुग्ध किया। वहीं लाख की चूड़ियाँ, कुम्हारों का चाक, और लोहारों के हस्तशिल्प ने विदेशी सैलानियों को खासा आकर्षित किया। सैलानियों ने स्थानीय हस्तशिल्पों की खरीदारी भी की।
कैमल कार्ट और नुक्कड़ नाटक बने आकर्षण का केंद्र
ग्राम भ्रमण के लिए की गई कैमल कार्ट (ऊंटगाड़ी) व्यवस्था को भी देशी और विदेशी पर्यटकों ने खूब सराहा। वहीं गांव में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोक संस्कृति और सामाजिक संदेशों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया।
सांस्कृतिक संध्या ने बांधा समां
हर शाम 7 से 9 बजे तक आयोजित सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान की लोक कला और संगीत ने सैलानियों को लोक विरासत की गहराई से परिचित कराया। इस आयोजन में बांदीकुई विधायक भागचंद बागड़ा, पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ. पुनीता सिंह, उपनिदेशक सुमित मीणा, सहायक निदेशक हिमांशु मेहरा सहित कई प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

