Indian Railways: बच्चों की टिकट से रेलवे ने तीन साल में कमाए 31 अरब रुपए
नई दिल्ली भारतीय रेलवे ने बच्चों की टिकट से पिछले तीन साल में लगभग 31 अरब रुपए से ज्यादा की कमाई की है। यह खुलासा सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) से प्राप्त आंकड़ों से हुआ।

CRIS के अनुसार वर्ष 2023 से 2025 के बीच 5 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों के ट्रेन टिकट से रेलवे को कुल 30,946,286,181 रुपए की आय हुई। इसमें बर्थ लेने वाले और न लेने वाले बच्चों दोनों की टिकट शामिल हैं।
नवजातों के लिए बर्थ लेने पर रेलवे को 70 करोड़ से ज्यादा की आय हुई। इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए टिकट का किराया तभी लिया जाता है जब माता-पिता उनकी आरक्षित सीट का चुनाव करते हैं। यदि सीट नहीं ली जाती तो कोई किराया नहीं लिया जाता।
एक करोड़ से अधिक बच्चों से आधा किराया
CRIS के आंकड़ों के अनुसार 2023-2025 के बीच 5 से 12 वर्ष की उम्र के एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने बर्थ नहीं ली। इन बच्चों ने वयस्कों के साथ सीट साझा की और रेलवे को 4 अरब रुपए की कमाई हुई। वहीं, इस उम्र के तीन करोड़ से अधिक बच्चों ने बर्थ लेकर पूरी टिकट राशि का भुगतान किया, जिससे रेलवे को 26 अरब रुपए की आय हुई।
नवजातों की बर्थ से भी हुई अच्छी कमाई
दस लाख से अधिक नवजात बच्चों के लिए बर्थ लेने पर रेलवे को 70 करोड़ से अधिक की आय हुई। नवजात और 5 से 12 वर्ष के बच्चों की टिकट से हुई कुल आय 31,653,204,693 रुपए तक पहुंच गई।
रेलवे ने 2016 में बदला नियम
मार्च 2016 तक 5 से 12 साल के बच्चों का आधा किराया लेकर अलग बर्थ दी जाती थी। अप्रैल 2016 से इस आयु वर्ग के बच्चों से पूरा किराया लिया जाने लगा। हालांकि, बच्चे अब भी आधा किराया देकर यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उनके लिए अलग बर्थ नहीं मिलती और उन्हें वयस्क के साथ सीट साझा करनी होती है।
रेलवे की यह आय दिखाती है कि बच्चों की टिकट से भी विभाग ने अच्छी-खासी कमाई की है, जो पिछले तीन साल में बढ़ती यात्री संख्या और नई नियमावली का परिणाम है।

