प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 की तैयारियां पूर्ण, 8700 से अधिक पंजीकरण और मेहमानों के लिए विशेष प्रबंध
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प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 8700 से अधिक प्रवासी राजस्थानियों ने पंजीकरण कराया है। मुख्य सचिव व एसीएस उद्योग ने जेईसीसी स्थल पर तैयारियों की समीक्षा की। मेहमानों के स्वागत, संस्कृति प्रदर्शन और पर्यटन भ्रमण के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं।
प्रवासी राजस्थानी दिवस की भव्य तैयारियां पूरी, राजस्थान मेहमानों के स्वागत में तैयार
जयपुर : मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर आयोजित होने वाला ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ इस वर्ष अपने पहले संस्करण के साथ इतिहास रचने जा रहा है। 10 दिसंबर को निर्धारित इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियां राजधानी जयपुर में अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। शहर के प्रमुख हिस्सों में सजावट, लाइटिंग, ग्रीनरी और सफाई का काम तेज़ी से चल रहा है। राज्य सरकार ने स्वागत प्रबंधों को विशेष रूप से प्राथमिकता दी है ताकि देश-विदेश से आने वाले अतिथि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और आतिथ्य से रूबरू हो सकें।
8700 से अधिक प्रवासी राजस्थानियों ने कराया पंजीकरण
कार्यक्रम को लेकर प्रवासी राजस्थानियों और विभिन्न उद्योगपतियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। सरकार के अनुसार 8,700 से अधिक लोगों ने अब तक पंजीकरण कराया है, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार का मानना है कि यह आयोजन प्रदेश के विकास और निवेश वातावरण को नई दिशा देगा।
मुख्य सचिव और एसीएस उद्योग ने कार्यक्रम स्थल पर लिया तैयारियों का जायजा

मुख्य सचिव श्री वी. श्रीनिवास और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) श्री शिखर अग्रवाल ने कार्यक्रम स्थल जेईसीसी, सीतापुरा पहुंचकर तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने मुख्य समारोह स्थल, सेक्टोरल सत्रों हेतु निर्धारित हॉल और ‘प्रगति पथ’ का निरीक्षण किया, जिसे राज्य सरकार की उपलब्धियों के प्रदर्शन हेतु तैयार किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले 48 घंटे में सभी कार्य पूरे हो जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं और लगातार प्रवासी राजस्थानियों से संवाद स्थापित कर उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप तैयारियां, ‘अपनापन’ महसूस कराने पर जोर
मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशा है कि यह आयोजन न सिर्फ एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम बने, बल्कि प्रवासी राजस्थानियों को राज्य से भावनात्मक रूप से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी बने।
एसीएस श्री शिखर अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में बसे राजस्थानियों को उनकी जड़ों से जोड़ना और राज्य के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस दिशा में प्रवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक नई नीति भी तैयार की गई है।
राजस्थान की विरासत और संस्कृति का भव्य प्रदर्शन
उद्योग एवं निवेश संवर्धन ब्यूरो के आयुक्त श्री सुरेश कुमार ओला ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आयोजन स्थल पर राजस्थान की संस्कृति, कला, हस्तशिल्प और विरासत का विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है। उद्देश्य है कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग “अपनापन” महसूस करें और अपने राज्य से जुड़े संबंधों को और मजबूत करें।
स्थल पर कई थीम आधारित डिस्प्ले, फोटो गैलरी, लाइव कला प्रस्तुतियां और पारंपरिक स्थापत्य तत्वों को शामिल किया गया है। इससे मेहमानों को राजस्थान की विविध संस्कृति का व्यापक अनुभव मिलेगा।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रहे उपस्थित
निरीक्षण के दौरान कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें
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जेडीए आयुक्त श्रीमती आनन्दी
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रीको एमडी श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार
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राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा
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नगर निगम आयुक्त डॉ. गौरव सैनी
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बीआईपी के अतिरिक्त आयुक्त श्री जुगल किशोर मीणा
सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
पर्यटन स्थलों पर भी विशेष व्यवस्थाएं, नोडल अधिकारी नियुक्त
प्रवासी मेहमानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यटन से जुड़े प्रबंधों को भी मजबूती दी गई है। संरक्षित स्मारकों पर सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।
साथ ही वन एवं वन्यजीव पर्यटन स्थलों की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु वन विभाग ने भी अलग से नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है। इससे देश-विदेश के मेहमानों को जयपुर और आसपास के क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों का सहज अनुभव मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पहला प्रवासी राजस्थानी दिवस
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पिछले वर्ष राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव में घोषणा की थी कि हर वर्ष 10 दिसंबर को ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस घोषणा के बाद यह पहला आधिकारिक आयोजन है।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि राजस्थानी डायस्पोरा को एक मंच पर लाना, उनके अनुभवों और संसाधनों को राज्य के विकास में जोड़ना और प्रवासियों के राज्य से भावनात्मक संबंधों को पुनर्जीवित करना।
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