Jaipur News: टीबी की जांच अब खांसी की आवाज से होगी: 37 जिलों में मोबाइल एप से अक्टूबर से शुरू होगी सुविधा
जयपुर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अब टीबी संक्रमण की पहचान के लिए नई तकनीक का सहारा लेने जा रहा है। स्वस्थ लोगों में खांसी की आवाज की रिकॉर्डिंग कर मोबाइल एप के जरिए लेटेंट (छिपी) टीबी का पता लगाया जाएगा। जयपुर समेत 37 जिलों के सब-सेंटरों पर यह सुविधा अक्टूबर से शुरू की जाएगी।

अभी तक टीबी जांच मरीजों के लक्षणों और बलगम, एक्स-रे व सीबीनाट मशीन के जरिए की जाती थी। लेकिन अब मोबाइल एप आधारित तकनीक के माध्यम से केवल खांसी की आवाज से भी संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा। इसके लिए विभाग ने आशा, एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों (सीएचओ) को जिम्मेदारी सौंपी है।
अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
मिशन निदेशक (एनएचएम) डॉ. अमित यादव, पीएचएस ओएसडी डॉ. सुनील सिंह और राज्य नोडल अधिकारी (टीबी) डॉ. पुरुषोत्तम सोनी ने बताया कि अधिकारियों को प्रशिक्षण दे दिया गया है। अब वे जिलों में जाकर स्तर पर आशा और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देंगे।
कैसे होगी जांच
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गूगल प्ले स्टोर से निर्धारित मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा।
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तीन बार खांसी की आवाज और एक बार बैकग्राउंड की आवाज रिकॉर्ड करनी होगी।
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रिकॉर्डिंग के दौरान जांचकर्ता को मरीज से कम से कम 3 फीट की दूरी पर रहना अनिवार्य होगा।
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मरीज की सहमति के साथ नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज कर पूरा प्रोफार्मा भरना होगा।
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खांसी स्वतः न आने पर सोलिसिटेड खांसी की आवाज रिकॉर्ड की जाएगी।
गाइडलाइन की सख्ती से पालना जरूरी
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि अक्टूबर से इस तकनीक को जयपुर सहित 37 जिलों में शुरू किया जाएगा। यह तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित होगी, जिससे खांसी की आवाज से ही टीबी संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।

