UttarPradesh News: आंखों के सामने नदी में गिरा मकान, युवती ने भागकर बचाई जान
निघासन तहसील क्षेत्र के ग्रंट 12 गांव में शारदा के कटान से 100 से अधिक नदी में समा चुके हैं। शुक्रवार को एक मकान जब नदी में गिरा, उस वक्त एक युवती पास में ही खड़ी थी। उसने भागकर अपनी जान बचाई।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में लगातार शारदा नदी तराई क्षेत्र के गांवों का अस्तित्व समाप्त कर रही है। वहीं चंद सेकंड में एक और मकान देखते ही देखते नदी में समा गया जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
बेघर हुए परिवारों ने बताया कि उन्हें अब बचाव की कोई राह नजर नहीं आ रही। दिन ढलते ही अंधेरे में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से कोई ठोस बचाव कार्य नहीं किया गया। सिर्फ मुआवजे का आश्वासन देकर खानापूरी की जा रही है। पीड़ितों का कहना है कि लगातार गुहार लगाने के बावजूद न तो राहत सामग्री मिल पा रही है और न ही सुरक्षित ठिकाने।
लेखपाल श्याम नंदन मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया है कि अब तक 100 से अधिक घर पूरी तरह शारदा नदी में समा चुके हैं। राजस्व विकास विभाग की टीम स्थिति पर नजर रखे हुए है। प्रशासन के द्वारा पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद दी जा रही हैं।

लखीमपुर खीरी में शारदा नदी का कहर जारी है। कटान की वजह से कई घर नदी में समा चुके हैं। निघासन इलाके में एक मकान के नदी में समा जाने का वीडियो सामने आया है। इसमें पानी के तेज बहाव में एक मकान भरभराकर गिर गया और पूरा का पूरा पानी में समा गया। बेबस ग्रामीण अपने घर को गिरता हुआ देख रहे हैं। शारदा नदी ने पूरे इलाके में कई गांवों को अपनी जद में ले रखा है। कई गांव पूरी तरह से डूब चुके हैं। लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और महाराजगंज में नारायणी नदी कहर बनकर टूट रही है। नदी का जलस्तर बढ़ने से इलाके में बाढ़ जैसे हालात हैं। गांव में नदी का पानी भरा हुआ है, सड़कें समंदर बन गई हैं। लोगों को आने-जाने में दिक्कतें हो रही हैं। 20,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी हर साल ऐसे ही तबाही मचाती है। यूपी से सीधा संपर्क टूटने से लोग बिहार होकर अपने गांव जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार वायरल वीडियो ग्रांट नंबर 12 गांव का बताया जा रहा है। इस गांव में अब तक करीब 90 से अधिक मकान नदी में समा चुके है। इस गांव के लोग अब सड़क किनारे जीवन यापन करने को मजबूर हो गए हैं । लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है लोग गांव छोड़कर पलायन करने लगे हैं। शारदा की तबाही का मंजर जारी है नदी का कटान लगातार गांव की ओर बढ़ते आ रहा है। जिस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । किसानों की कृषि युक्त जमीन भी लगातार नदी में समा रही है। दिन हो यह रात लगातार कटान जारी है कुछ दिनों बाद ग्रांट नंबर 12 गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा यह गांव सिर्फ कागजों पर दिखाई देगा। धरातल पर गांव नहीं मिलेगा। मिली जानकारी के अनुसार इस गांव की आबादी करीब 1800 के आसपास है।

