UP Bareilly Violence News: बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद से भारी दहशत: शहर में बवाल और किरकिरी
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर और नारों को लेकर भारी बवाल मच गया। थाना कोतवाली क्षेत्र के बिहारीपुर पुलिस चौकी के पास स्थित मस्जिद के बाहर सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। सड़क पर उतरकर ‘आई लव मोहम्मद’ के अलावा ‘नारा-ए-तकदीर’ जैसे नारे लगाए और बैनर लहराए।

बरेली शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में अचानक भड़की हिंसा ने चारों ओर खौफ फैला दिया। पुलिस द्वारा रोकने की कोशिशों के बावजूद पथराव, फायरिंग और लाठीचार्ज का मंजर सामने आया। घटना दोपहर शुरू होकर शाम तक जारी रही, और शहर का बड़ा हिस्सा तनाव के घेरे में रहा।
तनाव की शुरुआत — जुमे के बाद विवाद
दिन लगभग 2 बजे आला हजरत मस्जिद के समीप नमाज़ के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के साथ विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ। समर्थनार्थी नौमहला मस्जिद की ओर बढ़े और नारेबाजी करते हुए खलील स्कूल तिराहे, नॉवेल्टी, श्यामगंज, जिला अस्पताल रोड और अन्य इलाकों में फैल गए।
धारणा है कि यह क्रियाकलाप पहले से योजनाबद्ध था — इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 19 सितंबर को ही इस प्रदर्शन की घोषणा की थी। प्रशासन ने इस कार्यक्रम को अनुमति देने से मना किया।
उसके अगले दिन, यानी गुरुवार आधी रात को, पुलिस ने एक पत्र जारी किया जिसमें कार्यक्रम स्थगित करने की सूचना दी गई। लेकिन तौकीर ने वीडियो जारी कर इसे फर्जी करार दिया और कहा कि प्रदर्शन पूर्व निर्धारित रूप से ही होगा। इस विरोधाभास ने समर्थकों में भ्रम और उत्तेजना फैला दी।
भीड़ बनाम पुलिस — पथराव और लाठीचार्ज की धारा
शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे तक भीड़ नौमहला मस्जिद से आगे बढ़ी और खलील स्कूल तिराहे पर पहुंची। वहाँ उन्होंने दुकानों के शीशे तोड़ने, वाहनों को क्षति पहुंचाने और नारेबाजी करने का सिलसिला शुरू कर दिया।
पुलिस अधिकारियों — DIG अजय कुमार साहनी और SP सिटी मानुष पारीक — ने मौके पर पहुंचकर समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्मत्त भीड़ ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। नॉवेल्टी तिराहे पर स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को आंसू गैस के गोले चलाने पड़े। श्यामगंज इलाके में उपद्रवियों ने फायरिंग भी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
पुलिस के अनुसार, इस घटना में 10 से अधिक जवान घायल हुए, जबकि कई प्रदर्शनकारी भी लाठीचार्ज के दौरान चोटिल हुए। शाम पांच बजे तक कड़ी फोर्स तैनाती और नियंत्रण प्रयासों से पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया।
साजिश की परतें — पूर्व तैयारी का संकेत
पुलिस की जांच में यह संकेत मिला है कि यह हिंसा अचानक नहीं थी। एक हफ्ते पहले से माहौल बनना शुरू हो गया था। 21 सितंबर को आईएमसी प्रवक्ता डॉ. नफीस का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कथित रूप से किला इंस्पेक्टर का हाथ काटने की बातें की थीं। वह बयान उस समय दिया गया जब पुलिस ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर्स हटाने गई थी।
इसी बीच, प्रशासन ने मौलाना तौकीर, डॉ. नफीस और मनीर इदरीसी को हाउस अरेस्ट कर दिया। शुक्रवार को भीड़ बढ़ने पर तौकीर को रात में एक अनिश्चित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया और उनके मोबाइल फोन ज़ब्त कर लिए गए।
बाजार बंद, सन्नाटा और सुरक्षा कड़ी
हिंसा और दहशत के बीच, बरेली के अधिकांश बाजार बंद करा दिए गए — श्यामगंज, किला बाजार, सैलानी मार्केट, कुता लकाना बाजार, बांस मंडी और अन्य। दुकानदारों ने भय से शटर गिरा दिए। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई और कई सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गई।
पुलिस अब इस घटना में शामिल साजिशकर्ताओं और उपद्रवियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। अब तक 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हिंसा भड़काने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा, और आईएमसी के कई पदाधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है।
I Love Muhammad विवाद कानपुर से शुरू हुआ था
बरेली में हुई हिंसा की शुरुआत 26 सितंबर को दोपहर करीब 2 बजे हुई, जब आला हजरत मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। इसके कुछ देर बाद, नौमहला मस्जिद में नमाज शुरू हुई, जो लगभग 3 बजे तक चली।
नमाज के बाद अधिकांश लोग अपने घर लौट गए, लेकिन कुछ लोगों ने नमाज समाप्त होते ही ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर लेकर बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ये लोग नारेबाजी करते हुए इस्लामिया ग्राउंड की ओर बढ़ने लगे।
पुलिस ने जब उन्हें रोका, तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि इस्लामिया ग्राउंड के नज़दीक ही आला हजरत मस्जिद (लगभग 200 मीटर) और नौमहला मस्जिद (लगभग 500 मीटर) स्थित हैं। इसी भौगोलिक समीपता के कारण दोनों मस्जिदों से भीड़ तेजी से एकत्र हो गई और स्थिति बिगड़ती चली गई।

