Traffic Awareness Begins: मुरादाबाद में डीआईजी मुनीराज जी ने बच्चों को बताया सुरक्षित चलने का मंत्र

Traffic Awareness Begins in Moradabad — डीआईजी मुनीराज जी ने ‘यातायात माह नवंबर’ के तहत छात्रों को सड़क सुरक्षा नियम सिखाए। हेलमेट, सीट बेल्ट और अनुशासन पर दिया जोर, पुलिस लाइन से निकली जागरूकता रैली में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
मुरादाबाद में ‘यातायात माह नवंबर’ का आगाज :

मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित पुलिस लाइन में सोमवार को पुलिस प्रशासन द्वारा ‘यातायात माह नवंबर’ के तहत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर डीआईजी मुरादाबाद रेंज मुनीराज जी और एसएसपी सतपाल अंतिल ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की शुरुआत की और जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य था— समाज में सड़क सुरक्षा और यातायात अनुशासन के प्रति जागरूकता बढ़ाना, खासकर बच्चों और युवाओं में यातायात नियमों के पालन की भावना विकसित करना।
डीआईजी मुनीराज जी बने गुरु, लिया बच्चों की क्लास :

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीआईजी मुनीराज जी ने खुद छात्रों के लिए ‘ट्रैफिक अवेयरनेस क्लास’ ली। उन्होंने सरल और रोचक अंदाज में बच्चों को समझाया कि सड़क पर अनुशासन और नियमों का पालन केवल अपनी नहीं, दूसरों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
डीआईजी ने बातचीत के दौरान छात्रों से सवाल किया— “कितने बच्चे वाहन चलाते हैं और क्या वे यातायात नियमों का पालन करते हैं?”
इस इंटरएक्टिव शैली ने बच्चों का ध्यान आकर्षित किया और पूरा माहौल उत्साहपूर्ण बन गया।
संदेश भरा संवाद: हेलमेट और सीट बेल्ट का महत्व :

डीआईजी मुनीराज जी ने अपने संबोधन में कहा कि सुरक्षित यात्रा की शुरुआत हेलमेट और सीट बेल्ट से होती है। उन्होंने कहा—
“सड़क पर सावधानी ही समझदारी है, और जिम्मेदार नागरिक वही है जो यातायात नियमों का पालन करता है।”
उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करें, क्योंकि सड़क पर सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यातायात अनुशासन अपनाने से सड़क हादसों में बड़ी कमी लाई जा सकती है।
रैली के जरिए दिया सड़क सुरक्षा का संदेश :

कार्यक्रम के अंत में पुलिस लाइन से एक भव्य ट्रैफिक अवेयरनेस रैली निकाली गई। इस रैली में बड़ी संख्या में स्कूलों के बच्चे, पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
बच्चों ने हाथों में पोस्टर, बैनर और नारे लेकर शहरवासियों से सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की अपील की।
रैली के दौरान छात्र-छात्राओं ने लोगों को प्रेरित किया कि वे लाल बत्ती पार न करें, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन न चलाएं, और निर्धारित गति सीमा का पालन करें।
सुरक्षा की शपथ और जिम्मेदारी का वचन :
कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित लोगों ने सड़क सुरक्षा की शपथ ली। उन्होंने वचन दिया कि वे स्वयं यातायात नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
डीआईजी मुनीराज जी ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करते हैं।
उन्होंने कहा—
“सुरक्षित चलें, समझदारी से चलें — यही जिम्मेदार नागरिक की पहचान है।”
अधिकारियों और छात्रों की बड़ी भागीदारी :
इस अवसर पर एसपी यातायात सुभाष चंद्र गंगवार, एसपी ग्रामीण कुंवर आकाश सिंह, विभिन्न पुलिस अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के शिक्षक और सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि सड़क सुरक्षा जनजागरण के लिए इस तरह के आयोजन नियमित रूप से होने चाहिए।
कार्यक्रम का उद्देश्य और सामाजिक प्रभाव :
पुलिस प्रशासन के अनुसार, ‘यातायात माह नवंबर’ के तहत जिलेभर में इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनका लक्ष्य है —
-
सड़क हादसों में कमी लाना
-
युवाओं में ट्रैफिक अनुशासन की समझ बढ़ाना
-
नागरिकों को जिम्मेदार यात्री बनाना
यह अभियान न केवल छात्रों में ट्रैफिक अवेयरनेस बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि शहर में सुरक्षित यातायात संस्कृति को भी मजबूत बनाएगा।
डीआईजी का समापन संदेश :
कार्यक्रम के अंत में डीआईजी मुनीराज जी ने कहा कि सड़क सुरक्षा किसी एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा —
“हम सड़क पर जितने अनुशासित होंगे, उतना ही हमारा समाज सुरक्षित और सशक्त बनेगा।”
निष्कर्ष :
‘Traffic Awareness Begins’ के इस अभियान ने न केवल छात्रों में सड़क सुरक्षा की समझ बढ़ाई बल्कि उन्हें जागरूक नागरिक बनने का प्रेरक संदेश भी दिया। इस तरह के कार्यक्रम यातायात अनुशासन को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
Read More :‘अनहद’ की तीसरी प्रस्तुतिः डॉ. अश्विनी भिड़े देशपांडे के स्वरों से गूंजेगी जयपुर की शाम

