Hamirpur News : हनुमान जी मंदिर इटरा का भव्य मेला 11 नवंबर से शुरू, श्रद्धालुओं की उमड़ी आस्था
Hamirpur के प्रसिद्ध हनुमान जी मंदिर इटरा में 11 नवंबर से भव्य मेले का आयोजन शुरू होगा। तीन दिवसीय इस मेले में श्रीमद्भागवत कथा, विशाल दंगल और भंडारे का आयोजन होगा। लाखों श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए पहुंचेंगे, प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक की कड़ी व्यवस्था की है।
Hamirpur :हनुमान जी मंदिर इटरा का भव्य मेला मंगलवार से होगा प्रारंभ

Hamirpur जिले के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक हनुमान जी मंदिर इटरा में भव्य मेले का आयोजन इस वर्ष 11 नवंबर से शुरू होगा। यह मेला मंगलवार से आरंभ होकर गुरुवार तक चलेगा, जिसका समापन भंडारे के साथ होगा। भक्तों के सहयोग से होने वाला यह आयोजन क्षेत्र की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक माना जाता है।
मेले की विशेषताएं और कार्यक्रम
हर वर्ष की तरह इस बार भी मेले में देशभर से हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। मंगलवार को मेले का शुभारंभ हनुमान जी के विशेष पूजन के साथ किया जाएगा, वहीं बुधवार को विशाल दंगल का आयोजन होगा जिसमें अलग-अलग प्रांतों से आए पहलवान अपने-अपने दांव-पेंच दिखाएंगे।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नरेंद्र पाल ने बताया कि मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। स्थानीय ग्रामीणों, भक्तों और क्षेत्रीय समितियों के सहयोग से पूरे मंदिर परिसर को सजाया गया है। मंदिर में 04 नवंबर से श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया था जो मेले के मुख्य आकर्षणों में से एक रही।
भक्तों की आस्था और मान्यता

स्थानीय मान्यता के अनुसार, हनुमान जी के दरबार में अर्जी लगाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्रत्येक मंगलवार को हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचकर दर्शन पूजन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान जी से प्रार्थना करता है, उसकी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के बाद आने वाले मंगलवार को यह भव्य मेला आयोजित किया जाता है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर पूजन-अर्चन करते हैं और मेले का आनंद उठाते हैं। मेले में झूले, प्रसाद वितरण, कथा-प्रवचन, भंडारा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी व्यवस्था की जाती है।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारी
भीड़भाड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेले के दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी, इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर सहित सैकड़ों जवान तैनात किए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
ट्रैफिक व्यवस्था को भी विशेष रूप से सुदृढ़ किया गया है। वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थायी पार्किंग स्थल बनाए गए हैं और ट्रैफिक पुलिस को मुख्य सड़कों पर तैनात किया गया है। प्रशासन का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्था की जा रही है।
हनुमान जी मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा

स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार, प्राचीन समय में इटरा क्षेत्र बीहड़ इलाका हुआ करता था जहां लोग अपने मवेशी चराने जाया करते थे। एक दिन एक चरवाहे ने देखा कि मिट्टी के टीले के ऊपर से कुछ चमक रहा है। जब उसने पास जाकर देखा तो हनुमान जी की मूर्ति धीरे-धीरे जमीन से ऊपर उठती दिखी।
चरवाहे ने यह खबर गांववालों को दी, जिन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर मूर्ति के आसपास की सफाई की और हवन-पूजन प्रारंभ किया। तभी से इस स्थान को इटरा हनुमान मंदिर के रूप में जाना जाने लगा।
मंदिर के प्रथम महंत श्री श्री 1008 श्री गजानंद महाराज थे, जिन्हें लोग प्यार से ‘गुजराती बाबा’ के नाम से जानते थे। कहा जाता है कि वे दिव्य पुरुष थे जिन्होंने अपनी तपस्या और साधना से इस स्थान को धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित किया।
धार्मिक और सामाजिक एकता का केंद्र
इटरा हनुमान मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मेल-जोल का प्रतीक भी है। मेले में हर वर्ग, जाति और समुदाय के लोग एक साथ शामिल होकर भक्ति का वातावरण बनाते हैं।
यह मेला स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे क्षेत्र के छोटे दुकानदारों, मिठाई विक्रेताओं और ग्रामीण कलाकारों को भी रोजगार का अवसर मिलता है।
आगामी कार्यक्रम और भक्तों से अपील
मेला समिति की ओर से भक्तों से अपील की गई है कि वे सफाई व्यवस्था बनाए रखें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे भीड़ में सतर्क रहें और अपने परिवारजनों का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
हनुमान जी मंदिर इटरा का यह भव्य मेला न केवल श्रद्धा और आस्था का पर्व है, बल्कि यह परंपरा, संस्कृति और सामूहिक भावना का उत्सव भी है। इस आयोजन से जहां भक्तों को आध्यात्मिक शांति मिलती है, वहीं स्थानीय समाज में एकजुटता और सद्भाव का संदेश भी प्रसारित होता है।

