भोजपुर में एंटी लार्वा का छिड़काव न होने से बढ़ रहा मच्छरों का प्रकोप, फैल रही बीमारी

भोजपुर, मुरादाबाद में एंटी लार्वा छिड़काव की अनुपस्थिति से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा। नगरवासियों ने नियमित छिड़काव, सफाई और फॉगिंग की मांग की। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ा। घर में साफ-सफाई, मच्छरदानी, नीम धुआं और मच्छररोधी स्प्रे से बचाव जरूरी।
भोजपुर नगर में मच्छरों का बढ़ता प्रकोप :

मुरादाबाद जिले के नगर पंचायत भोजपुर धर्मपुर में जैसे ही सर्दी का मौसम आया, मच्छरों का आतंक तेजी से बढ़ गया है। घरों, नालियों और सार्वजनिक स्थानों पर मच्छरों की बढ़ती तादाद ने नगरवासियों की चिंता बढ़ा दी है। इस बढ़ते प्रकोप के साथ ही मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
नगरवासियों का कहना है कि नगर पंचायत द्वारा बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए शुरू किया गया अभियान केवल कागजों तक ही सीमित है। एंटी लार्वा छिड़काव की कार्रवाई पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। नगर में कहीं भी फॉगिंग की गाड़ियां नहीं दिखाई दे रही हैं। लोग आशंका जता रहे हैं कि नगर पंचायत अधिकारी इन बीमारियों के फैलने का इंतजार कर रहे हैं।
घर के आस-पास साफ पानी जमा न होने दें :
डेंगू एडीस एजिप्टी मच्छर साफ और रुके हुए पानी में पनपते हैं। इनके काटने से तेज बुखार, अधिक पसीना, थकान, सुस्ती, पेशाब की कमी और मुंह-होंठों का सूखना जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन लक्षणों के सामने आने पर तुरंत किसी कुशल चिकित्सक से संपर्क करें और खुद से दवाई लेने की कोशिश न करें।
नगरवासियों द्वारा मांगी गई सावधानियां :
नगरवासियों ने गलियों और मोहल्लों में एंटी लार्वा छिड़काव और नियमित सफाई की मांग की है। इसके अलावा कुछ व्यक्तिगत बचाव उपाय भी सुझाए गए हैं:
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सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
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घर में नीम का धुआं लगाएं।
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घर और आस-पास मच्छररोधी स्प्रे का छिड़काव करें।
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घर और आसपास साफ-सफाई रखें।
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पूरी बांह वाले कपड़े पहनें।
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घर में टायर, गमलों की ट्रे आदि में पानी जमा न होने दें।
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फ्रिज के पीछे, कूलर आदि में पानी समय-समय पर बदलें।
फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव करोड़ों रुपये खर्च होते हैं :
मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए सरकार द्वारा फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव अभियान चलाया जाता है। इसके लिए करोड़ों रुपये का बजट रखा जाता है।
हालांकि धरातल पर इसका असर अक्सर दिखाई नहीं देता। बजट के नाम पर अक्सर बंदरबांट हो जाता है और वास्तविक कार्य प्रभावित होता है। भोजपुर में फिलहाल फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव पूरी तरह निष्क्रिय दिखाई दे रहा है।
सर्दियों में मच्छरों का बढ़ता खतरा :

सर्दियों में भी मच्छरों का प्रकोप कम नहीं होता। कम तापमान में भी एडीस मच्छर घर के पानी जमा होने वाले स्थानों में पनपते रहते हैं। नगरवासियों के अनुसार, नालियों, पुराने टायर, गमलों की ट्रे और कूलर के पानी की ट्रे को नियमित साफ करना जरूरी है।
यदि नगर पंचायत सक्रिय होकर एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग करवाती, तो मच्छरों का यह प्रकोप नियंत्रित किया जा सकता था।
नगर पंचायत की लापरवाही पर सवाल :
नगरवासियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नगर पंचायत की लापरवाही से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। लोग बार-बार निवेदन कर चुके हैं कि गलियों और मोहल्लों में नियमित छिड़काव और सफाई की जाए।
यदि समय रहते एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग नहीं किया गया, तो मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के फैलाव की संभावना बढ़ जाएगी।
विशेषज्ञों की सलाह :
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी नगरवासियों को सावधानी बरतने की हिदायत दी है। उनके अनुसार:
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घर में और आसपास पानी जमा न होने दें।
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मच्छरदानी, मच्छररोधी स्प्रे और नीम का धुआं लगाएं।
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पूरा कपड़ा पहनकर शरीर को ढकें।
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बुखार, सुस्ती और अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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बच्चों और वृद्धों की विशेष देखभाल करें क्योंकि वे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
निष्कर्ष :
भोजपुर नगर पंचायत में एंटी लार्वा छिड़काव की अनुपस्थिति ने मच्छरों के प्रकोप को बढ़ा दिया है। नगरवासियों की मांग है कि नगर पंचायत फॉगिंग और नियमित छिड़काव अभियान तुरंत शुरू करे।
घर और आस-पास सफाई, मच्छरदानी, मच्छररोधी स्प्रे और नीम धुआं जैसी व्यक्तिगत सावधानियों से बचाव संभव है। हालांकि, सरकारी सक्रियता के बिना यह खतरा लगातार बढ़ता रहेगा। नगरवासियों ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है ताकि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का फैलाव रोका जा सके।
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