Young Man Trapped Between Pipelines In Jaipur: जयपुर में रामलीला महोत्सव का भव्य आयोजन: 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रामलीला मैदान में
गुलाबी नगरी जयपुर अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। इसी कड़ी में इस वर्ष श्री सनातन धर्म महोत्सव समिति जयपुर द्वारा रामलीला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रामलीला मैदान में चलेगा।

महोत्सव के दौरान 25 सितंबर को राम विवाह प्रसंग का मंचन किया जाएगा। भगवान राम की बारात जयपुर के प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर, चांदपोल बाजार से शुरू होकर छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार और न्यू गेट से होते हुए रामलीला मैदान पहुंचेगी। नगरवासी इस बारात का स्वागत करेंगे। 2 अक्टूबर को 51 फुट के विशाल रावण का दहन भी किया जाएगा।
इस बार रामलीला महोत्सव में कई मुख्य आकर्षण होंगे, जिनमें राम के जीवन पर आधारित स्वचालित झांकियां प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त चित्रकला प्रदर्शनी, मेहंदी कार्यक्रम, रामायण पात्र वेशभूषा प्रतियोगिता और ब्रह्मकुमारीज द्वारा नवदुर्गा झांकी का आयोजन भी किया जाएगा। मेले में खाने-पीने के स्टॉल और बच्चों के लिए मनोरंजक झूले भी लगाए जाएंगे।
विभिन्न सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठनों के साथ विशिष्ट नागरिक भी इस आयोजन में जुड़ेंगे। प्रतिदिन रामलीला मंचन देखने के लिए साधु-संतों का आगमन भी होगा। समारोह के प्रचार-प्रसार के लिए संस्था के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जयपुर के विभिन्न मंदिरों और सामाजिक संगठनों में पोस्टर विमोचन किया। इस दौरान जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा, ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर और पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल उपस्थित रहे। रामलीला में रामायण प्रसंगों का मंचन करने के लिए मथुरा से प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।
मंचन का क्रम:
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22 सितंबर (सोमवार): गणेश पूजन, नारद मोह लीला, राम जन्म
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23 सितंबर (मंगलवार): विश्वामित्र आगमन, अहिल्या उद्धार, ताड़का वध, फुलवारी
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24 सितंबर (बुधवार): धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद
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25 सितंबर (गुरुवार): रामजी की बारात, श्रीराम विवाह एवं कन्यादान
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26 सितंबर (शुक्रवार): दशरथ-कैकई संवाद, मंथरा-कैकइ संवाद, सुमंत विदाई
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27 सितंबर (शनिवार): केवद संवाद, दशरथ मरण, भरत आगमन
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28 सितंबर (रविवार): सीता हरण, शबरी मिलन
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29 सितंबर (सोमवार): हनुमान मिलन, बाली वध, लंका दहन
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30 सितंबर (मंगलवार): रामेश्वर स्थापना, अंगद-रावण संवाद, विभीषण सारणगति
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1 अक्टूबर (बुधवार): कुंभकरण वध, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ वध
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2 अक्टूबर (गुरुवार, विजयादशमी): धर्म रथ वर्णन, अहिरावण वध, रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक

