Delhi NCR Dog Attack Case Update: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़े जाएं आवारा कुत्ते, रेबीज संक्रमितों पर रोक
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देशभर में विशेष रूप से दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को लेकर चल रही बहस पर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 11 अगस्त को जारी उस आदेश पर आंशिक रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि जिन आवारा कुत्तों को पकड़ा गया है, उन्हें छोड़ा न जाए।

दिल्ली में आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें शेल्टर्स होम में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली में डॉग लवर्स ने जमकरर विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले एनमिल लवर्स आवारा कुत्तों की रक्षा के लिए पूजा-प्रार्थना की।
एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर और बंगला साहिब गुरुद्वारा में इकट्ठा हुए। प्रार्थना सभा सोमवार को देर रात 12 बजे हनुमान मंदिर में शुरू हुई जिसमें लगभग 200 लोगों ने भाग लिया। ‘आवारा नहीं, हमारा है’ के नारे लिखे बैनर लेकर लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और फिर वे बंगला साहिब गुरुद्वारे की तरफ चल पड़े। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बंगला साहिब के बाहर ही रोक दिया। एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘कई दिनों के विरोध-प्रदर्शन से हम थक चुके हैं, इसलिए आज हम यहां ईश्वर की शरण में आए हैं ताकि वह हमें इस संघर्ष में शक्ति दें
इससे पहले 14 अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। स्त को जारी उस आदेश पर आंशिक रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि जिन आवारा कुत्तों को पकड़ा गया है, उन्हें छोड़ा न जाए।
पिछली सुनवाई में सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि यहां कई ऐसे मांसाहारी लोग हैं, जो खुद को पशु प्रेमी बताते हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले का समाधान हो। दिल्ली-NCR से कुत्तों को इकट्ठा कर ऐसे शेल्टर होम भेजें, जो अभी हैं ही नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए। कोर्ट ने नगर निगमों को वैक्सीनेशन और शेल्टर बनाने के भी निर्देश दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के हर इलाके से आवारा कुत्तों को उठाना शुरू किया जाए और उन्हें किसी अन्य सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाए। इस प्रक्रिया में किसी भी संगठन या व्यक्ति की ओर से बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कुत्तों को जबरदस्ती पकड़ने में रुकावट डालता है, तो उसे कानूनी नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।
SC के इस आदेश का बड़े स्तर पर विरोध हुआ। इसके बाद 13 अगस्त को चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा था कि कॉन्फ्रेंस ऑफ ह्यूमन राइट्स (इंडिया) एनजीओ की याचिका पर कहा था कि वह खुद इस मामले पर गौर करेंगे। मामला 3 जजों की स्पेशल बेंच को सौंप दिया था।

