Constitution 130th Amendment Explained: गंभीर अपराध में 30 दिन की हिरासत पर हटेंगे PM: CM और मंत्री: केंद्र सरकार संसद में लाएगी तीन अहम बिल
केंद्र सरकार अब ऐसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को पद से हटाने के लिए कानून लाने जा रही है जो गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होकर 30 दिन से अधिक हिरासत में रहते हैं।

गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को लोकसभा में तीन अहम बिल पेश करेंगे, जिनमें यह प्रावधान शामिल होगा कि अगर किसी नेता को ऐसे अपराध में गिरफ्तार किया जाता है, जिसमें कम से कम 5 साल की सजा हो सकती है, और वो 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन उसे पद से हटा दिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह बुधवार (20 अगस्त) को लोकसभा में तीन मसौदा विधेयक पेश करेंगे. ये बिल हैं- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेशों का शासन (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक। शाह इन तीनों विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे, जिसमें अगली संसदीय सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रावधान होगा

क्या है केंद्र शासित संशोधन विधेयक
आपको बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन विधेयक, 2025 के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, केंद्र शासित अधिनियम, 1963 (1963 का 20) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं, जिसके तहत सीएम या मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत के बाद हटाया जा सके। यही वजह है कि इस कानून की धारा 45 में संसोधन कर ऐसी स्थिति के लिए कानूनी प्रावधान करना जरूरी है। ये विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
130वां संविधान संशोधन बिल 2025
केंद्र ने इस बिल को लेकर बताया कि संविधान में किसी ऐसे मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है जिसे गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया हो और हिरासत में लिया गया हो।
इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों या नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की जरूरत है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (धारा 34) के तहत फिलहाल ऐसे किसी प्रावधान का अभाव है, जिसके तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाया जा सके।
संशोधित बिल के अनुसार, अब यदि किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को ऐसे गंभीर अपराध (जिनमें न्यूनतम 5 साल की सजा हो सकती है) में गिरफ्तार कर लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन उसे पद से हटा दिया जाएगा। यह संशोधन धारा 54 में किया जाएगा और इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर प्रशासन में सुशासन और जवाबदेही को सुनिश्चित करना है।
क्यों अहम है यह कदम?
- इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपराधिक मामलों में फंसे और जेल में रहने वाले लोग सत्ता में बने न रहें।
- सरकार और लोकतांत्रिक संस्थाओं की पारदर्शिता और नैतिकता बनी रहे।
- जनता का विश्वास बढ़ेगा कि उनके प्रतिनिधि दोषमुक्त और स्वच्छ छवि वाले होने चाहिए।
केंद्र सरकार का मानना है कि ये तीनों बिल लोकतंत्र और सुशासन की साख मजबूत करेंगे। अब तक, संविधान के तहत, केवल दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को ही पद से हटाया जा सकता था। मौजूदा कानूनों में संवैधानिक पद पर बैठे नेताओं को हटाने को लेकर स्पष्ट व्यवस्था नहीं है।

