Karnataka Crime: कर्नाटक का खौफनाक मर्डर केस: सास की हत्या कर दामाद ने किए 19 टुकड़े
कर्नाटक के तुमकुरु में एक महिला की लाश 19 टुकड़ों में मिली थी. पुलिस ने हत्याकांड की इस गुत्थी को सुलझाते हुए 3 लोगों को अरेस्ट किया है. दामाद ने ही अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर सास को मार डाला. फिर उसके 19 टुकड़े कर ठिकाने लगा दिया था. आखिर ऐसी भी क्या नफरत थी दामाद को अपनी सास से चलिए जानते हैं…

कर्नाटक के तुमकुरु जिले में पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में कामयाब हो गई। यह एक ऐसा केस था, जिसमें पहले मरने वाले की पहचान मुश्किल थी। हत्यारों ने शव के19 टुकड़े किए थे और हर हिस्से को अलग-अलग फेंका था। हत्यारों ने जहां वारदात को अंजाम दिया, वहां न तो सीसीटीवी कैमरे लगे थे और न ही कोई चश्मदीद गवाह था। मगर एक क्लू के जरिये पुलिस ने इस वीभत्स घटना की कड़ियां जोड़ लीं और 42 साल की बी. लक्ष्मीदेवी उर्फ लक्ष्मीदेवम्मा के हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे खुला मामला
7 अगस्त की सुबह, कोलाला गांव के पास कुछ लोग सड़क किनारे से गुजर रहे थे। उन्हें वहां कई प्लास्टिक बैग पड़े नजर आए. शक होने पर उन्होंने बैग खोले तो उनके होश उड़ गए। बैग में इंसानी शरीर के टुकड़े पड़े थे। तुरंत पुलिस को खबर दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास की तलाश की और अगले दिन सात और बैग बरामद किए। जिनमें बाकी शरीर के हिस्से और महिला का सिर मिला।
तुमकुरु के एसपी अशोक के.वी. ने मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए कई टीमें बनाईं। एक टीम को पता चला कि 3 अगस्त की दोपहर को एक सफेद रंग की एसयूवी हनुमंतपुरा से गुजरी थी। यह गाड़ी कोराटागेरे की ओर गई थी। जांच में पता चला कि गाड़ी के आगे और पीछे अलग-अलग नंबर प्लेट लगी थीं। शुरुआती जांच में यह पुलिस के बड़ा क्लू था। एक गाड़ी में दो अलग-अलग नंबर प्लेट का मतलब था कि पुलिस को धोखा देने की कोशिश की गई है। इस एसयूवी के बोनट को भी चेंज किया गया था। फिर पुलिस ने असली नंबर और गाड़ी मालिक की तलाश शुरू की। जांच टीम को अंदेशा था कि इस हत्याकांड से सफेद रंग की एसयूवी का कनेक्शन जरूर है। पुलिस ने इलाके में फुटेज खंगालकर पता लगा लिया कि एसयूवी उर्डिगेरे गांव के सतीश नाम के एक किसान की है।
लिफ्ट देने के बहाने किया था किडनैप
पुलिस ने रामचन्द्रैया को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया, जहां उसे चौंकाते हुए उन्होंने सतीश और किरण को सीधा उसके सामने बैठाकर सवाल पूछने शुरू किए। सतीश सच छिपा नहीं सका और उसने सब कुछ बता दिया। फिर रामचंन्द्रैया ने भी सच उगल दिया। उसने बताया कि 3 अगस्त को उसने अपनी सास लक्ष्मीदेवम्मा को वापस घर छोड़ने के बहाने एसयूवी में लिफ्ट दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि रामचंद्रैया इस बात से नाराज था कि महिला उसकी शादी में दखल दे रही थी। साथ ही ये भी आरोप लगाए कि महिला अपनी बेटी को देह व्यापार में धकेलने पर भी जोर दे रही थी. खास बात है कि 47 साल के डॉक्टर की यह दूसरी शादी थी और तेजस्वी उससे 20 साल छोटी है। दोनों का एक तीन साल का बच्चा है। रामचंद्रैया का पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ है. रामचंद्रैया को डर था कि लक्ष्मीदेवम्मा उसके परिवार को तबाह कर देगी. ऐसे में उसने वारदात से 6 महीने पहले प्लानिंग शुरू कर दी। उसने सतीश के नाम पर गाड़ी खरीदी और सतीश के साथ किरण को भी 4-4 लाख रुपये देने का वादा किया। उसने दोनों को एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपये भी दिए थे। पुलिस के अनुसार, सतीश रामचंद्रैया का एक मरीज था और उनके घर के पास ही रहता था. पुलिस ने बताया कि किरण, सतीश का चचेरा भाई है।
इस केस को मानव बलि से भी जोड़ा जा रहा था. मगर एसपी अशोक ने उन खबरों का खंडन किया कि हत्या का संबंध मानव बलि से है।

