Udaipur wife murder case Update: “तू काली है’ कहकर पत्नी को ज़िंदा जलाया: 8 साल बाद पति को फांसी की सजा
उदयपुर के मावली अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी पति को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इसे आत्मा को झकझोर देने वाला अपराध बताया है। इस केस में दोषी पति के खिलाफ 14 लोगों ने गवाही दी थी।

पत्नी को काली-मोटी, खुद के लायक नहीं होने के ताने मारते-मारते उसकी जलाकर हत्या करने वाले को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। घटना 24 जून 2017 की है। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश मावली राहुल चौधरी ने पत्नी की हत्या के दोषी वल्लभनगर थाना क्षेत्र के नवानिया गांव निवासी किशन लाल उर्फ किशन दास पुत्र सीताराम को धारा 302 के तहत दोष सिद्ध होने पर मृत्यु दंड की सजा सुनाई है।
राजस्थान के उदयपुर जिले में शनिवार को मावली अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने इस पूरे केस पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने पत्नी की हत्या के दोषी किशन लाल उर्फ किशन दास पुत्र सीताराम, निवासी नवानिया थाना वल्लभनगर को मृत्युदंड की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
कैसे हुई यह शाकिंग घटना
घटना 24 जून 2017 की रात की है। जब दोनों सो रहे थे, आरोपी ने पत्नी से कहा कि वह उसके लिए ऐसी दवा लाया है जिससे उसका रंग गोरा हो जाएगा। लक्ष्मी ने उस द्रव्य को शरीर पर लगाया तो अचानक आग पकड़ ली। वह एक तरह का केमिकल था।
अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक दिनेश चंद्र पालीवाल ने इस प्रकरण में 14 गवाह, 36 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए और बहस में अभियुक्त को कड़ी से कड़ी कड़ी सजा देने की मांग की। आग लगने पर महिला कमरे में भागती रही एवं चिल्लाती रही, लेकिन अभियुक्त किशनलाल ने कमरा अंदर से पहले ही बंद कर रखा था। घटना 24.06.2017 को रात करीब 11 बजे की है। लक्ष्मी सो रही थी।
अभियुक्त ने मृतका के शरीर के सारे कपड़े उतरवाते हुए कहा कि वह काली है, गौरी होने की दवा लाया हूं। यह कहते हुए उसने प्लास्टिक की बोतल खोली तो इसकी गंध पत्नी को एसिड जैसी लग रही थी। लेकिन लक्ष्मी ने पति किशनलाल पर विश्वास करते हुए एवं अपनी गृहस्थी की खुशहाली के लिए एसिड अपने शरीर पर लगवा लिया। बाद में अभियुक्त ने एक अगरबत्ती सुलगाई और लक्ष्मी के पेट पर लगा दी। इससे एसिड ने आग पकड़ ली। आग में जलती लक्ष्मी चिल्लाई तो अभियुक्त यहीं पर नहीं रूका, उसने बोतल में बचा हुआ एसिड लक्ष्मी पर डाल दिया। इससे आग की लपटें बढ़ गई। बाद में सास, ससुर, ननद ने आग बुझाई।
शेष गंभीर झुलसने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने मरने से पहले मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाए। बाद में इलाज के दौरान लक्ष्मी की मौत हो गई।
आत्मा को झकझोर देने वाला अपराध”: कोर्ट ने सुनाया मृत्युदंड
एक महिला की नृशंस हत्या के मामले में अदालत ने आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश राहुल चौधरी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह मामला केवल हत्या का नहीं, बल्कि “आत्मा को झकझोर देने वाला अपराध” है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे अपराधी का पुनर्वास संभव नहीं है, इसलिए उसे फांसी की सजा दी जाती है।
कोर्ट ने अपने सख्त रुख में कहा, “यह समाज के लिए एक संदेश है कि महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।” फैसले के बाद अदालत परिसर में मौजूद लोगों ने न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया और इसे महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

