Rajasthan Truck Accident Tragedy: राजस्थान के दौसा में सड़क हादसा: श्रद्धालुओं से भरी पिकअप खड़े कंटेनर में घुसी, 7 बच्चों समेत 11 की मौत
दौसा (राजस्थान) – राजस्थान के दौसा जिले में बुधवार तड़के एक दर्दनाक सड़क हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 7 बच्चे शामिल हैं।

हादसा सुबह करीब 3:30 बजे नेशनल हाईवे-148 पर सैंथल थाना क्षेत्र के बापी गांव के पास हुआ, जब श्रद्धालुओं से भरी एक पिकअप सड़क किनारे खड़े कंटेनर में जा घुसी। पिकअप में सवार सभी श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के एटा और फिरोजाबाद जिलों के रहने वाले थे। हादसे में 10 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।
खाटूश्याम से लौट रहे थे श्रद्धालु
एटा के जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह के अनुसार, एटा के असरौली गांव से लगभग 45 श्रद्धालु दो पिकअप वाहनों में सवार होकर खाटूश्याम दर्शन के लिए गए थे। लौटते समय, महिलाओं और बच्चों से भरी एक पिकअप दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
प्रभावित पिकअप में 22 से अधिक लोग सवार थे। इनमें से 10 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल ने जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मृतकों की पहचान और घायल
अब तक मृतकों में पूर्वी (3), प्रियंका (25), दक्ष (12), शीला (35), सीमा (25), अंशु (26) और सौरभ (35) की पहचान हो चुकी है। चार अन्य मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
घायलों में कई को दौसा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि गंभीर घायलों को जयपुर रेफर किया गया है। SMS अस्पताल में भर्ती घायलों में लक्ष्य (5), नैतिक (6), रीता (30), नीलेश कुमारी (22), प्रियंका (19), सौरभ (28), मनोज (28) और एक अन्य शामिल हैं।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया शोक
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्य सरकार ने घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने बताया कि हादसा एक ऐसे क्षेत्र में हुआ है जो ‘ब्लैक स्पॉट’ के रूप में चिन्हित है और यह सरकार के संज्ञान में भी है। उन्होंने कहा कि ऐसे हाई-रिस्क एरियाज की पहचान कर सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
राजस्थान में सड़क हादसे चिंता का विषय
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार, राजस्थान देश के उन टॉप-6 राज्यों में शामिल है जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। वर्ष 2022 के डेटा के मुताबिक, राज्य में हर साल करीब 11,000 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो जाती है।
फरवरी 2025 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में स्वीकार किया था कि भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति “बेहद खराब” है। उन्होंने कहा था कि उन्होंने 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में 50% की कमी लाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन आंकड़े और भी खराब हो गए हैं।
लोकसभा में सड़क हादसों पर चर्चा के दौरान गडकरी ने कहा था कि स्वीडन रोड एक्सीडेंट को जीरो पर ले आया है और भी बहुत से देशों ने इसे कम किया है।
मैं बहुत ट्रांसपेरेंट हूं इसलिए बता रहा हूं कि जब मैंने सड़क परिवहन मंत्रालय का जिम्मा संभाला था, तो मैंने 2024 तक सड़क हादसों और इससे होने वाले मौतों को 50% कम करने का लक्ष्य रखा था।
एक्सीडेंट कम करना तो भूल जाइए, मुझे तो ये स्वीकार करने में भी कोई शर्म नहीं है कि ये बढ़ गए हैं।

