PM Modi: PM मोदी की मुंहबोली बहन ने भेजी ‘ॐ’ और गणेश चित्र वाली राखी: पाकिस्तान में हुआ था जन्म
अहमदाबाद की रहने वाली पाकिस्तानी मूल की कमर मोहसिन प्रधानमंत्री मोदी की मुंहबोली बहन हैं। वह हर साल अपने हाथों से बनी हुई राखी प्रधानमंत्री मोदी के कलाई में बांधती हैं। शेख ने कहा कि इस साल उन्होंने मोदी के लिए खास तौर पर पवित्र ‘ॐ’ चिन्ह वाली एक राखी डिजाइन की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की कमर मोहसिन शेख पीएम मोदी की मुंहबोली बहन है। उन्होंने इस बार पीएम के लिए 2 राखियां तैयार की हैं। जिसमें ओम और भगवान गणेश की तस्वीर बनी है। शेख मूल रूप से पाकिस्तान के कराची में जन्मी हैं। लेकिन साल 1981 में शादी के बाद वह भारत आ गईं थीं। फिलहाल वह PMO से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है। उन्होंने बताया कि वह बाजार से राखी न खरीदकर खुद 2 राखियां बनाती हैं और इनमें से एक पीएम के लिए चुनती हैं।
शेख ने बताया कि वह हर साल कई राखियां बनाती हैं। उन राखियों में जो राखी उन्हें सबसे अच्छी लगती है, वही राखी वह प्रधानमंत्री के कलाई में बांधने को चुनती हैं। शेख ने कहा कि इस साल उन्होंने मोदी के लिए खास तौर पर पवित्र ‘ॐ’ चिन्ह वाली एक राखी डिजाइन की है।

यह रिश्ता कैसे शुरू हुआ?
कमर मोहसिन शेख बताती हैं कि पीएम मोदी से उनका रिश्ता तब शुरू हुआ जब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे। एक दिन उन्होंने बस हालचाल पूछते हुए कहा, “बहन कैसी हो?” और बस वहीं से इस अनोखे रिश्ते की शुरुआत हुई। तब से लेकर आज तक हर साल वह राखी खुद अपने हाथों से बनाती हैं और जो उन्हें सबसे ज्यादा पसंद आती है वही वह प्रधानमंत्री की कलाई पर बांधती हैं।
दुआओं से साकार हुईं मंज़िलें
कमर शेख याद करती हैं कि उन्होंने एक बार नरेंद्र मोदी को दुआ दी थी कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनें। जब यह सच हुआ तो उन्होंने अगली बार दुआ दी कि वह देश के प्रधानमंत्री बनें और भारत का नाम रोशन करें। अब जब पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं तो कमर मोहसिन शेख का यह मानना है कि मेरी दुआ अब तीसरी बार भी कबूल हो गई है।
कब से बांध रहीं हैं राखी
पाकिस्तान में जन्मी शेख पिछले 30 सालों से पीएम मोदी के हाथ में राखी बांध रही हैं। कमर मोहसिन शेख की शादी अहमदाबाद के चित्रकार मोहसिन शेख के साथ हुई थी। उन्होंने बताया कि 1994-95 में जब वह पहली बार मोदी जी से एक कार्यक्रम में मिली तब वह संगठन के एक कार्यकर्ता थे। उन्होंने शेख से हालचाल पूछते हुए कहा था कि कैसी है बहन? शेख बताती हैं कि उनके ये शब्द मेरे दिल को छू गए थे। वह बताती है कि उसके चार या पांच दिन बाद रक्षाबंधन था। उन्होंने सोचा कि उन्हें मोदी को राखी बांधनी चाहिए और तब उन्होंने पहली बार मोदी के कलाई पर राखी बांधी थी। तब से लेकर आज तक वह अपने हाथों से बंधी हुई राखी मोदी के हाथों में बांधती हैं।

