COVID19: भारत में कोविड-19 का नया खतरा: XFG वेरिएंट के अब तक 206 मामले, महाराष्ट्र में सबसे अधिक
भारत में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और इस बार इसकी वजह बना है कोरोना का नया वेरिएंट XFG हाल ही में भारत में इसकी पुष्टि हुई है और अब तक इसके 206 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से सबसे अधिक महाराष्ट्र से रिपोर्ट किए गए हैं।

देशभर में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 7400 पहुंच गई है। केरल में सबसे ज्यादा 2109 एक्टिव केस हैं। इसके बाद गुजरात में 1437, दिल्ली में 672 और पश्चिम बंगाल में 747 पॉजिटिव मरीज हैं। XFG वेरिएंट के लक्षण आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे होते हैं। हालांकि, कुछ खास कंडीशंस में गंभीर भी हो सकता है।
XFG कोविड-19 वायरस का एक रिकॉंबिनेंट वेरिएंट है। इसका मतलब है कि यह वायरस के 2 पुराने वेरिएंट्स, LF.7 और LP.8.1.2 के आपस में मिल जाने से बना है। जब कोई व्यक्ति एक साथ दो अलग-अलग वेरिएंट्स से संक्रमित होता है, तो वायरस उनके जीन को आपस में मिक्स कर सकता है। उसी से ऐसे वेरिएंट बनते हैं।
XFG, ओमिक्रॉन फैमिली का ही हिस्सा है, जो 2021 के अंत से पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा फैलने वाला वेरिएंट रहा है। इसे पहली बार कनाडा में पहचाना गया था।
भारत में XFG के मामले किन राज्यों में मिले हैं?
INSACOG पूरे देश में जीनोमिक वेरिएंट्स पर नजर रखने वाली मल्टी लैबोरेटरी, मल्टी एजेंसी है। यह कोविड वेरिएंट्स पर नजर रखती है। इसके मुताबिक अब तक भारत में XFG के 163 मामले सामने आए हैं। सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं क्या XFG वेरिएंट चिंता की बात है?
फिलहाल नहीं, इस वेरिएंट से अब तक न तो ज्यादा गंभीर बीमारी हुई है और न ही मौतों की संख्या में इजाफा देखा गया है। ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण हल्के सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण हैं।
XFG को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया है और न ही भारत सरकार ने इसे कोई गंभीर खतरा माना है।
जिन लोगों ने टीका लगवाया है या जो लोग पहले कोविड-19 के किसी वेरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं, वे XFG वेरिएंट से जल्दी ठीक हो रहे हैं।
XFG वेरिएंट क्या है?
XFG कोविड-19 का एक रिकॉंबिनेंट वेरिएंट है, जो दो पुराने वेरिएंट्स LF.7 और LP.8.1.2 के मिलन से बना है। यह ओमिक्रॉन फैमिली का ही हिस्सा है और पहली बार कनाडा में पहचाना गया था। INSACOG के अनुसार, भारत में अब तक XFG के 163 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
कितनी गंभीर है स्थिति?
अभी तक XFG से न कोई ज्यादा गंभीर लक्षण सामने आए हैं और न ही मौतों में वृद्धि देखी गई है। WHO और भारत सरकार ने भी इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ नहीं माना है। जिन लोगों को टीका लग चुका है या जो पहले संक्रमित हो चुके हैं, वे जल्दी ठीक हो रहे हैं।
XFG वेरिएंट के लक्षण
इसके लक्षण आमतौर पर फ्लू या सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति को लगातार खांसी हो सकती है, नाक बहने या बंद रहने की परेशानी हो सकती है और बार-बार छींक आने के साथ गले में खराश की शिकायत भी हो सकती है। इसके अलावा हल्का बुखार, थकान, कमजोरी और सिरदर्द जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का भी जोखिम हो सकता है।
इलाज और वैक्सीन का असर
XFG के लिए फिलहाल कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन मौजूदा कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल इस पर भी असरदार हैं। भारत में उपलब्ध कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन और उनके बूस्टर डोज, गंभीर लक्षणों और अस्पताल में भर्ती होने से बचाव में कारगर माने जा रहे हैं।
किसे है ज्यादा खतरा?
XFG वेरिएंट से आमतौर पर हल्का संक्रमण होता है। हालांकि, यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। सबसे अधिक जोखिम वृद्ध लोगों को और पहले से क्रॉनिक बीमारियों का सामना कर रहे लोगों को ज्यादा खतरा है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ICMR का क्या कहना है?
ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय भारत में 66% रेस्पिरेटरी इंफेक्शन कोविड से संबंधित हैं। हालांकि, इनमें से अधिकांश मरीजों की हालत स्थिर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है।
महामारी की आशंका?
विशेषज्ञों का कहना है कि XFG वेरिएंट से महामारी जैसी स्थिति बनने की संभावना फिलहाल नहीं है। संक्रमण की रफ्तार धीमी है और लक्षण भी हल्के हैं।
XFG वेरिएंट से बचाव कैसे करें?
XFG वेरिएंट कोविड-19 फैमिली का ही हिस्सा है। इसलिए यह भी ठीक उसी तरह फैलता है। राहत की बात ये है कि उतनी तेजी से नहीं फैलता है। इसलिए इससे बचाव के लिए कोविड-19 जैसे एहतियात ही बरतने हैं:
- बार-बार साबुन से हाथ धोएं, सैनिटाइज करें।
- बाजार या भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।
- बार-बार छूई जा रही सरफेस को सैनिटाइज करें।
- वैक्सिनेशन जरूर करवाएं और अगर उपलब्ध हो तो बूस्टर डोज लें।
- खुद से दवा न लें, डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही कोई दवा लें।
- फ्लू-जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत टेस्ट कराएं।