Gujarat Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसे में 270 की मौत: प्लेन क्रैश की दिल दहलाने वाली कहानियां
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून की दोपहर एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश हो गया। इस भयानक हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति जीवित बचा है। मृतकों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं।

प्लेन एक हॉस्टल बिल्डिंग से टकराया था, जिससे वहां भी जान-माल का भारी नुकसान हुआ। बिल्डिंग से 29 शव बरामद हुए हैं, जिससे हादसे में कुल मौतों की संख्या 270 पहुंच गई है।
वडोदरा के 26 वर्षीय भविक माहेश्वरी लंदन में नौकरी करते थे। वे दो हफ्ते के लिए भारत आए थे। इस दौरान परिजनों ने उनकी शादी तय कर दी और 10 जून को कोर्ट मैरिज हुई। परिजनों की योजना थी कि भविक अगली बार भारत आएंगे तो धूमधाम से शादी का समारोह करेंगे, लेकिन यह सपना अधूरा रह गया। भविक की नई नवेली दुल्हन उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने अहमदाबाद पहुंची थी। जैसे ही वह घर लौटी भी नहीं थी, विमान हादसे की खबर आ गई। भविक के पिता अर्जुन माहेश्वरी ने बताया, “हमारी बहू को यह यकीन ही नहीं हो रहा कि उसके साथ क्या हुआ है।
सरप्राइज देने जा रही इंदौर की महिला की मौत
इंदौर की रहने वाली एक महिला लंदन में रहने वाले अपने पति को सरप्राइज देने जा रही थीं। लेकिन वो कभी नहीं पहुंच पाईं। उनके परिजनों ने बताया कि वे चुपचाप टिकट बुक कर लंदन जा रही थीं और पति को कोई जानकारी नहीं थी।
मणिपुर की क्रू मेंबर सिंगसोन की दर्दनाक कहानी
हादसे में 26 वर्षीय लैमनुंथेम सिंगसोन, जो मणिपुर की रहने वाली थीं और फ्लाइट क्रू का हिस्सा थीं, की भी मौत हो गई। वे परिवार की इकलौती कमाने वाली सदस्य थीं। मणिपुर हिंसा के चलते उनका परिवार बेघर हो गया था।
हादसे से एक दिन पहले, 11 जून को उन्होंने अपनी विधवा मां से आखिरी बार बात की थी, और फोन पर साथ प्रार्थना भी की थी। चचेरे भाई लुन किपजेन ने बताया कि सिंगसोन का बड़ा भाई बेरोजगार है और गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, जबकि दो छोटे भाई अभी पढ़ाई कर रहे हैं। मां हादसे के बाद गहरे सदमे में हैं और खाना-पीना तक छोड़ चुकी हैं।
मूल रूप से सूरत के रहने वाले अर्जुन पटोलिया पत्नी भारती के साथ 2009 से लंदन में रह रहे थे। वे लंदन में एक की-चेन कंपनी में काम करते थे। उनकी 4 और 8 साल की दो बेटियां हैं। पिछले 3न साल से भारती सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित थीं। 23 मई को भारती की मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार लंदन में ही किया गया था। भारती की इच्छा थी कि उसकी अस्थियां पैतृक गांव के तालाब में प्रवाहित की जाएं। अर्जुन पत्नी के अंतिम संस्कार के बाद की रस्में पूरी करने सूरत आए थे। जिन्हें पूरा करके वापस लंदन लौट रहे थे, लेकिन प्लेन क्रैश में उनकी मौत हो गई। अर्जुन के रिश्तेदारों के मुताबिक, अर्जुन के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। परिवार में अब उनकी मां और दोनों बेटियां हैं।
मंगेतर के साथ आखिरी सांस ली
गुजरात में गढडा तालुका के अडतला गांव में रहने वाले हार्दिक देवराजभाई (27) लंदन में अमेजन में जॉब करते थे। वे पिछले दो सालों से लंदन में रह रहे थे। लंदन में ही रहने वाली विभूति से उनकी एक महीने पहले ही सगाई हुई थी। सगाई के लिए ही दोनों गांव आए थे। गुरुवार को दोनों लंदन लौट रहे थे।
चार महीने पहले ही हुई थी शादी, पति-पत्नी दोनों की मौत
गुजरात के बनासकांठा जिले के थाराव गांव में रहने वाले कमलेशभाई चौधरी पत्नी धापूबेन के साथ लंदन जा रहे थे। कमलेश ब्रिटेन में ही जॉब करते थे और शादी के लिए पिछले पांच महीनों से गांव में थे। दोनों की शादी को चार महीने ही हुए थे और अब पति-पत्नी ब्रिटेन जा रहे थे। इसी दौरान हादसे का शिकार हो गए।
सिर्फ एक व्यक्ति बचा, सीट नंबर फिर बनी चमत्कार
प्लेन में 11A सीट पर बैठे विश्वास कुमार इस हादसे में चमत्कारिक रूप से बच गए। इस खबर को पढ़कर थाईलैंड के एक्टर और सिंगर रुआंगसाक लोयचुसाक ने 27 साल पुराना हादसा याद किया। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया कि वे भी एक बार विमान हादसे में बचे थे, और वे भी 11A सीट पर ही बैठे थे। लोयचुसाक ने बताया कि साल 1988 में थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261 साउथ थाईलैंड में लैंडिंग करते वक्त रनवे से फिसलकर दलदल में गिर गई थी। उस हादसे में 146 में से 101 लोगों की मौत हो गई थी। बचे 45 लोगों में लोयचुसाक भी शामिल थे।