World Blood Donor Day 2025: विश्व रक्तदाता दिवस 2025: कौन लोग कर सकते हैं रक्तदान, जानिए जरूरी बातें
हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन सभी खुद की मर्जी से रक्तदान करने वालों को समर्पित है। आइए जानते हैं इस दिन को मनाने का इतिहा बारे में

हम अक्सर अस्पताल, क्लीनिक या पब्लिक प्लेस पर लिखा हुआ देखा होगा कि रक्तदान महादान। भारत में सबसे बड़ा दान भी किसी जरुरतमंद व्यक्ति को अपना खून दान करना माना जाता है। ब्लड डोनेट करने से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या से पीड़ित मरीज की जान बचाने में मदद मिल सकती है। ऐसे में लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन सभी खुद की मर्जी से रक्तदान करने वालों को समर्पित है। जो ब्लड डोनेट करके दूसरे लोगों की जान बचाने का काम करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का महत्व, इतिहास और इस साल की थीम के बारे में……………………….

इस साल की थीम है – “रक्त दें, आशा दें: साथ मिलकर हम जीवन बचाते हैं”। यह थीम रक्तदाताओं के उस योगदान को रेखांकित करती है जो वे ज़रूरतमंदों को जीवन की उम्मीद देकर करते हैं।
रक्तदान से पहले किन बातों का रखें ध्यान:
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अगर आपको बुखार, सर्दी-जुकाम, कोई संक्रमण या पेट दर्द है तो रक्तदान न करें।
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पिछले 12 महीनों में अगर आपने टैटू बनवाया है, तो आप रक्तदान के लिए योग्य नहीं हैं।
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रक्तदान से पहले अच्छी नींद लें (7–9 घंटे) और खुद को हाइड्रेटेड रखें। कम से कम आधा लीटर पानी जरूर पिएं।
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रक्तदान के पहले और बाद में आयरन व प्रोटीन युक्त आहार लें जैसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ।
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रक्तदान के दिन भारी व्यायाम, शराब व धूम्रपान से बचें और पर्याप्त आराम करें।

इस दिन का इतिहास
विश्व रक्तदाता दिवस की शुरुआत 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), रेड क्रॉस सोसाइटी, ISBT सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने मिलकर की थी। इस दिन को महान वैज्ञानिक डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में चुना गया। जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज की थी। उनकी इस खोज ने रक्तदान को सुरक्षित और प्रभावी बनाया।

विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास और उद्देश्य
विश्व रक्तदाता दिवस की शुरुआत साल 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसाइटी, ISBT और अन्य कई संगठनों ने एक साथ मिलकर की थी। इस दिन को मनाने के लिए 14 जून का दिन चुना गया, क्योंकि इस दिन महान वैज्ञानिक डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन है, जिन्होंने ABO ब्लड ग्रूप सिस्टम की खोज की थी। डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर की इस खोज ने दुनियाभर में ब्लड डोनेट करने की प्रक्रिया को सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से संभव बनाया है। इस दिन को मनाने पीछे कई उद्देश्य शामिल है, जिसमें………..
- रक्तदाताओं का आभार जताना
- रक्तदान को लेकर समाज में जागरूरता फैलाना
- खुद की इच्छा से रक्तदान करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना

रक्तदान को महादान माना गया है।डॉक्टर्स भी मानते हैं कि हेल्दी लोगों को समय-समय पर ब्लड डोनेट करना चाहिए। इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। बल्कि फायदे मिलते हैं। ब्लड डोनेशन से शरीर में ब्लड फ्लो ठीक रहता है। 18 साल से ऊपर के हेल्दी लोग रक्तदान कर सकते हैं। हालांकि बीमारियों से जूझ रहे लोगों को इससे बचना चाहिए।